कवि और अनुवादक

सुगाथाकुमारी

प्रख्यात मलयालम कवयित्री, पर्यावरणविद और महिला कार्यकर्ता, 86 वर्षीया पद्मश्री सुगाथाकुमारी का कोरोना महामारी से थिरुवनंतपुरम में 23 दिसंबर 2020 को निधन हो गया।उनकी प्रसिद्ध कविता Night Rain  का हिंदी अनुवाद –

रात की बारिश
किसी पागल युवती-सी
रोती, हँसती, रिरियाती हुई
बेवजह यूं ही बड़बड़ाती हुई
अपने में सिमटे बालों को झटकती हुई

रात की बारिश
मटमैले अंधेरे की उदास बेटी
लंबी चीख़ की तरह धीरे-धीरे सरकती हुई
दवाखाने की खिड़की से
अपने सर्द हाथ बढ़ाती हुई
मुझे छूती हुई

रात की बारिश
जब कराहटें, थरथराहटें और चीख-चिल्लाहट
और मेरी मां का सवेग व्यथित क्रंदन
मुझे कंपकंपा देते हैं
और मैं अपने हाथ कानों पर रख
रोग-शैया पर तड़पती हूँ सिसकती हूँ
विषाद के उन क्षणों में प्रियतम की तरह
ढाढ़स बंधाती हुई
किसी ने कहा
रोग-ग्रस्त हिस्सा काटकर अलग किया जा सकता है
लेकिन बेचारे दिल का क्या
वहभीतर तक फैला है

रात की बारिश
मेरे प्रेम की गवाह
उसने उन सुहानी रातों में
मुझे थपकियां देकर सुलाया था
चांदनी की धवलता से भी अधिक
आनंद-विभोर कर हँसाया था

रात की बारिश
आज मेरे दुख की गवाह है
जब मैं तपती रोग-शैया पर
रात के बेचैन लमहों में
अकेली पीड़ा से छटपटाती हूँ
रुदन-क्रंदन को भी भूलकर
पाषाण-सी जम जाती हूँ

रात की बारिश
मैं तुम्हें बता दूँ
मैं जानती हूँ तुम्हारे संवेद और उदास स्वर को
तुम्हारी करुणा, तुम्हारे दमित क्रोध को
तुम्हारा रात को आना
अकेले में रोना-सुबकना
और भोर होते ही
चेहरा पोंछ कर जबरन मुस्कराना
तुम्हारी हड़बड़ी और तुम्हारा किसी काम का बहाना
यह सब मैं कैसे जानती हूँ?
मेरी मित्र, मैं भी तुम्हारी तरह हूँ
तुम्हारी तरह रात की बारिश!

संपर्क: बालमुकुन्द नंदवाना, 152, टैगोरनगर, हिरणमगरी, सेक्टर -4, उदयपुर – 313002 मो. 9983224383