युवा गजलकार। ‘इक उम्र मुकम्मल’, ‘कुछ निशान काग़ज़ पर’, ‘जी भर बतियाने के बाद’ एवं ‘जैसे बहुत क़रीब’ चार गजल संग्रह प्रकाशित। तकनीकी क्षेत्र में कार्यरत।
गजल
मौन ही साधे रही संसद, नहीं बतला सकी
मुश्किलों, बरबादियों की हद नहीं बतला सकी
रोशनी को साथ लेकर आ रही किरणों की खेप
कब अंधेरे का घटेगा कद, नहीं बतला सकी
भूख से जो छटपटाई रातभर बुढ़िया, सुबह
किसने गाए भक्तिरस के पद नहीं बतला सकी
तेज गर्मी से झुलसते राहगीरों को हवा
किस तरफ है छांव के बरगद नहीं बतला सकी
बो रहा है कौन बारूदी इरादे रात-दिन
पूछने पर रो पड़ी सरहद नहीं बतला सकी
अम्न की मासूम चिड़िया मर गई है खौफ से
कुछ बताना था उसे शायद, नहीं बतला सकी
चुप रही दुनिया सदा ही प्रश्न पर अनमोल के
आफ़तों का है कोई जनपद, नहीं बतला सकी।
अनमोल–प्रतीक्षा, 321/4, सोलानीपुरम, रुड़की उत्तराखंड-247667 मो.8006623499
बहुत सुंदर ग़ज़ल । कई बार पढ़ गयी। हर शेर आज के हालात की मुक़म्मल कहानी है। बहुत बधाइयाँ आपको।
कुछ बताना था उसे शायद नहीं बतला सकी।
आदरणीय अनमोल जी की शायरी में ऐसी नाजुकी मुझे बहुत पसंद है।
मेरी ओर से हार्दिक बधाई ☺️💓💐🙏
बहुत ही शानदार और यथार्थ को धरातल पर उतारती हुई गज़ल।
आदरणीय आपको बहुत बहुत बधाइयां।
आपकी गज़ल की मैं बहुत प्रशंसक हूं।
आपकी लेखनी यूं ही चलती रहे।
बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल
लाजवाब अशआर…
मौजूदा परिस्थितियों पर अविचलित लहज़े में रौशनी डालती ,साहित्यिक गतिविधियों में सतत् क्रियान्वयित के पी अनमोल जी की श्रेष्ठ ग़ज़ल है।
समसामयिक विषय पर गहन अभिव्यक्ति लिये लिखी गई सशक्त रचना है जो ग़ज़लकार के संवेदनशील ह्रदय का परिचय देती है। पाठक को सोच की एक दिशा देती है। हिन्दी ग़ज़ल को प्रतिष्ठित करने, भाषानुशासन पर गंभीरता से काम किया गया हे जो हिन्दी ग़ज़ल के सुनहरे भविष्य की ओर संकेत करती है । लेखक को बधाई
वाह, बहुत सटीक और गहरी पंक्तियां,
पूछने पर रो पड़ी सरहद…..
कितने गहरे भाव,…
समय और सरोकारों की पड़ताल करती बेहतरीन ग़ज़ल।सम्मानित पत्रिका में प्रकाशित होना हमेशा सुखद होता है। बहुत बहुत बधाई अनमोल जी ।
के पी अनमोल जी की ग़ज़लें सामयिक और जनसरोकारों के पक्ष में खुलकर बोलती-बतियाती हैं। यह अपनी ग़ज़लों में बिल्रकुल जुदा अंदाज़ की रदीफ़ लेकर आते हैं।ग़ज़ल विधा के इस युवा और लोकप्रिय हस्ताक्षर का वागर्थ जैसी
जनचेतना की वाहक पत्रिका में प्रकाशित होना हर्ष का विषय है।
के पी अनमोल जी को बहुत-बहुत बधाई। वागर्थ को चयन हेतु साधुवाद।