कवयित्री, कहानीकार और सामाजिक कार्यकर्ता।कहानी, कविता और शिक्षा पर चार पुस्तकें प्रकाशित।शिक्षक प्रशिक्षक के रूप में राजस्थान में कार्यरत।
चलना
चलना कितनी सुंदर क्रिया है
एक बच्चे का चलना
एक बछिया का चलना
एक रेलगाड़ी का चलना
एक घड़ी का चलना
एक बच्चे का चलना
एक सूरज का चलना
एक झरने का चलना
एक आदमी का चलना
हम सबके जीवन का चलना
चलना ही तो है
आदमी, जब से धरती पर आया है
तब से चल रहा है
और तब तक चलेगा
जब तक धरती चलेगी
चलने से ही तो सब कुछ चलता है
चलना, दुनिया की सबसे सुंदर क्रिया है।
भूख
बिना हथियार के भी
मर सकता है
गरीब और मजबूर आदमी
उसका रोज़गार छीन लो
धकिया दो उसे
छोड़ दो सड़कों पर उसे बेसहारा
आखिर
कहां जाएगा?
कैसे जिएगा?
खुद ही आत्महत्या कर लेगा
साफ सुथरी तमाम तफ्तीशें और
पोस्टमार्टम रिपोर्ट कहेंगी
कुछ नहीं निकला
चलो
हम सब मुक्त हुए!
आखिर
वो बहुत काम का भी क्या था?
संपर्क : ए – १०८ रामनगरिया जे. डी. ए स्कीम, एस. के. आई. टी कॉलेज के पास, जगतपुरा, जयपुर–३०२०१७ मो.७७४२१९१२१२
इस स्नेह के लिए संपादक मंडल की बहुत आभारी हूँ।