नई पोस्टिंग वाली जगह पर एक फलवाले से परिचय बढ़ गया। वह हमें खरीद दाम पर फल दे देता था। एक दिन उसने मुझको फोन किया, ‘सर, दस हजार रुपए की सख्त जरूरत है। जुगाड़ हो जाएगा? मेरा एटीएम कार्ड पता नहीं कहां खो गया है। मेरे लड़के ने दुबई से पैसा भेजा है, परंतु पैसा दो दिनों बाद निकल पाएगा, क्योंकि बैंक बंद रहेंगे।’
मेरे मन में शंका के बादल घुमड़ने लगे। मैं सोचने लगा, जहां कहीं नई पोस्टिंग होती है और थोड़ा-सा परिचय होता नहीं कि लोग पैसे मांगने लगते हैं। यह अपने धर्म का भी तो नहीं है। पहले के दिए उधार याद आने लगे। मैंने लगभग मना न करते हुए कहा, ‘देखते हैं।’
सुबह फोन बजा। मोबाइल स्क्रीन पर उसका नाम देखकर मन कसैला हो गया तथा नकारात्मक विचारों से भर गया। अब क्या बोलूं? इन्हीं बातों के उफान में मैंने फोन उठाया। फलवाला विनम्रता से कह रहा था, ‘सर, पैसे का जुगाड़ हो गया है। परेशान मत होइएगा।’
मैंने कहा, ‘ठीक है।’ पर मन को कुछ कुरेदने लगा।
ग्राम+पोस्ट – आथर, थाना – नावानगर, जिला – बक्सर-802126 (बिहार) मो. 9832594994
सही गलत या झूठ सच का परख करना इतना आसान नहीं रह गया है ।आज के युग में लोग कई चेहरे गलाकर घूम रहे हैं इसलिए ये सिर्फ आपके नायक के साथ ही नहीं,सबके लिए कठिन हो गया है।🙏🏻👌😇👍
बड़े ही आसान लहजे में कहानीकार नें मन को टटोल लिया है। यही अरिमर्दन की खूबी है।