मिमी जर्मन
अमेरिकी कवयित्री। प्रसिद्ध कविता संग्रह ‘बिनीथ द ग्रेवल वेट ऑफ स्टार्स’ और ‘व्येहर ग्रासेस बेंड’। हाल ही में उन्हें नेशनल बीट फाउंडेशन द्वारा ओरेगन की प्रथम बीट पोएट लॉरेट (2023-2025) नामित किया गया है।

अस्तित्व

यदि काट दिया जाए
पुराने जैतून के
पेड़ का तना भी
तो मरता नहीं वह
अंकुरित होने लगती हैं
उसकी जड़ों से नई शाखाएं
बना रहता है उसका अस्तित्व निरंतर
हो जाने से हृदयों के छिन्न-भिन्न
निकल पड़ते हैं बीज।

उपचार

बच्चो
मैं कितना रोता हूँ
बोझ लिए
इस मौसम की जैतून की फसल का
पर कोई आता नहीं
जो जानता हो
शांति के अस्थायित्व का उपचार
इसलिए मुझे तुम्हारे नाम पर
अपने आप का करना होगा उपचार
अपने आंसुओं के नमक से
अपने हृदय की नमकीन मांसपेशियों से
मैं लगाऊंगा
तुम्हारे नाम पर जैतून, अंजीर
और फूलदार कैरब के नए पौधे
जड़ सहित
फेंक दूंगा जौ के बीज
इसकी बगल में
फिर शब्बत* के लिए
आपके नाम पर अंकुरित अनाज से
बनाऊंगा रोटियां
उस उपचार के लिए
जो हो जाए बस
और एकता हेतु प्रेम के लिए
जो क्या बढ़ सकेगा कभी?

दुख के पन्ने

खुलते हैं
दुख के
पवित्र पन्ने
एकत्र होती हैं
विधवाएं
कब्रों और फूलों पर
टाइपराइटर की
अटकी हुई
कुंजियों की तरह।

प्रेम के लिए

रक्तपात के चांद के नीचे
मैंने जला दिए
सारे दुष्प्रचार
प्रेम के लिए।

नदी से समुद्र तक

आपके कहने का यही मतलब था
कि नदी से समुद्र तक
आप लालायित हैं
फूलों के मार्ग ढूंढ़ने
कि आपने उगते हुए देखा है
जंगली ट्यूलिप उत्तरी पहाड़ियों पर
कि आपने शांति के किए
दुर्लभ बैंगनी फूल देखा है-
इतने कम लोगों ने देखा है इसे
कि विश्वास नहीं होता
इसकी वास्तविकता पर
जब आपने देखा
खिलती हुई लिली को
आपने महसूस किया
अपने मन के भीतर
इसकी पंखुड़ियों को
कि प्रकाश और विनम्रता हैं भरपूर
बढ़ते हुए गैलिली** की पहाड़ियों से
समुद्र के दक्षिण की ओर
तो आपको महसूस हुआ न
कि फूलों में से ही हम सब हैं
मुझे यकीन है कि यह वही बात है
जब आपने कहा
नदी से समुद्र तक
फूलों में से ही हम सब हैं
फूलों में से ही हम सब हैं।

तपिश

क्रोध
बदल जाता
ज्वाला में
हताशा के
घूमते, टूटे हुए
पहियों में
तपिश में
छाया
विभाजन की।

नावें

शुष्क है रेगिस्तान की हवा
यह नहीं करेगी दिखावा
आपका रक्षक बनने के लिए
न ही सुनेगी दुख
न ही गीला करेगी यह
घाटियों को आंसुओं से
लेकिन यदि आप अभी भी
कर रहे हैं महसूस हवाओं की गर्मी
तो यह आपको
अपने आत्म-जल से
बढ़ने के लिए आगे
प्रदान करेंगी नावें।

इस खेल में

अपरिमित हानि से
मुक्त समय में
क्या होता है
करती हैं बातचीत सरकारें
करती हैं झाड़ू को आगे-पीछे
उड़ जाती हैं पत्तियां किनारों की तरफ
फिर करतीं पार रक्त-सनी सड़कों को
हमने बुझा दी हैं मोमबत्तियां
नहीं है आज कोई चमत्कार
वैसे भी
इस दहलाने वाले खेल में
आप सड़क के किस तरफ हैं?

चकाचौंध

मलबे के नीचे
पंखुड़ियों वाले फूलों के
सौदे होते हैं पानी में
ढकती है दादी
बच्चों की आंखें
अमानवीयता की चकाचौंध से।

* शब्बत यहूदियों का विश्राम और प्रार्थना दिवस है
**गैलिली फ्यूमिटोरी, लेबनान के हनीता वन में पाया जाने वाला एक अत्यंत दुर्लभ फूल है।

 बालकृष्ण काबरा ‘एतेश’
कवि और अनुवादक। कविता संग्रह ‘दूसरा चित्र’, ‘मन की स्याही’, ‘गीत अकवि का’ और ‘अपने-अपने ईमान’। अद्यतन कविता संग्रह ‘छिपेगा कुछ नहीं यहां’। विश्व साहित्य के अनुवादों के तीन संग्रह।

 

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