विचार का आईना
शृंखला संपादक :बद्री नारायण
लोकभारती प्रकाशन, प्रयागराज, मूल्य :250 रुपये
इस शृंखला के अंतर्गत ऐसे साहित्यकारों, चिंतकों और राजनेताओं के ‘कला-साहित्य-संस्कृति’ केंद्रित विचार प्रस्तुत किए गए हैं, जिन्होंने भारतीय जनमानस को गहराई से प्रभावित किया है। इस शृंखला में गांधी, रवींद्रनाथ ठाकुर, प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, राममनोहर लोहिया, रामचंद्र शुक्ल, निराला, महादेवी वर्मा, अज्ञेय और मुक्तिबोध के लेखों और विचारों का संकलन आया है। इनसे हिंदी समाज की निर्मिति को समझने के सूत्र मिल सकते हैं।
हंसा दीप
मेरी पसंदीदा कहानियां (कहानी संग्रह)
किताबगंज प्रकाशन, गंगापुर सिटी, मूल्य :350 रु.
इस संग्रह में लेखिका द्वारा चुनी हुई 19 कहानियां संकलित हैं। इनमें भारत सहित अमेरिका और कनाडा में लोगों के जीवन के अनुभवों को गूंथा गया है। इनके पात्र स्वच्छंदता की उड़ान भरते हैं और संवेदनाओं में बहते चले जाते हैं। लेखिका भारत और अमेरिका की भूली-बिसरी यादों को टोरंटो में बैठकर कहानियों का रूप देती हैं।
सं. उद्भ्रांत
हम गवाह चिट्ठियों के उस सुनहरे दौर के (1041 पत्रों का अनमोल खजाना)
यश पब्लिकेशंस, दिल्ली, मूल्य :699 रुपये
इस पुस्तक में 1965 से लेकर आज तक के सहस्राधिक पत्रों का संग्रह है। पत्रों का यह संसार रोचक है। संग्रह में हिंदी साहित्य संसार में हो रहे कई परिवर्तनों को देखा जा सकता है।
हरि मृदुल
हंगल साहब, जरा हँस दीजिए
आधार प्रकाशन, पंचकूला, मूल्य :150 रुपये
पुस्तक में संकलित कहानियों में मनुष्यता के व्यापक प्रश्न उपस्थित हैं। कठोर सत्य के उद्घाटन का आग्रह है। समकालीन जीवन को एक अलग कोण से पकड़ने की कोशिश है। विचार और भावना का संतुलन कहानियों में दिखता है।