सं. शंकर
सत्ताईस कहानियां
किताबघर प्रकाशन, नई दिल्ली, मूल्य :750 रुपये
‘परिकथा’ पत्रिका के महत्वपूर्ण 100 वें अंक में प्रकाशित सभी कहानियों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया है। इसमें कई उत्कृष्ट कहानियां हैं, जिन्हें लंबे समय तक याद किया जाता रहेगा।
संदीप मील
बोल काश्तकर
राजपाल, नई दिल्ली, मूल्य :250 रुपये
ये कहानियां वर्तमान विडंबनापूर्ण जीवन के दृश्य उपस्थित करती हैं। इनमें ग्रामीण और शहरी दोनों जगहों के अच्छे-बुरे चित्र और तमाम रंग हैं। इनमें किस्सागोई का भी आनंद भरपूर है।
पूनम सोनछात्रा
एक फूल का शोकगीत
बोधि प्रकाशन, जयपुर, मूल्य :150 रुपये
इस संग्रह की कविताओं में व्यक्ति एवं समष्टि के बीच भावनात्मक संबंध की तलाश है। यहां प्रेम की हसरतें हैं तो यथार्थ बोध का अंकन भी। आधुनिक जीवन की असंगतियों के प्रतीकात्मक चित्र और संकेत संकलन को विशिष्ट बना देते हैं।
नर्मदेश्वर
दीये (कहानी संग्रह)
अनुजा बुक्स, दिल्ली, मूल्य :400 रुपये
नर्मदेश्वर की कहानियों में ग्रामीण जीवन दिखता है। गांवों में घुसपैठ कर रही बदली हुई कई राजनीति भी दिखती है। इन कहानियों के माध्यम से लेखक अनोखी शैली में दैनंदिन जीवन की जरूरी कथा कह जाता है। सांप्रदायिकता की समस्या के अलावा, संगीत, मूर्तिकला और चित्रकला को भी विषय बनाया गया है।
सं. बिपिन तिवारी
ममता दीपक वेर्लेकर
महामारी में मनुष्य (संकलन)
ब्रॉडवे पब्लिशिंग हाउस, गोवा, मूल्य :999 रुपये
सभ्यता के इतिहास में अनेक बार लोगों को महामारियों से जूझना पड़ा है। इस संकलन में विवेकानंद और गांधी से लेकर हाल तक के लेखकों-कथाकारों की महामारी पर अच्छा और प्रेरक साहित्य है। संपादकों ने इस पुस्तक को एक अनोखा दस्तावेजी संकलन बना दिया है।