नंद भरद्वाज
राजस्थानी विरासत का वैभव (आलेख संग्रह)
राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर, मूल्य :300 रुपये
यह पुस्तक राजस्थान के लेखन और परंपराओं पर है। इससे राजस्थान के साहित्यिक-सांस्कृतिक योगदान का पता चलता है। इस प्रदेश की सर्जनात्मक विकास की संभावनाएं खोलती है यह पुस्तक।

जनार्दन प्रसाद झा ‘द्विज’
चरित्र-रेखा (संस्मरण)
भूमिका एवं प्रस्तुति : भारत भारद्वाज, शहनवाज जाफर बासमेह
अनन्य प्रकाशन, दिल्ली, मूल्य ;250 रुपये
यह हिंदी के भूले-बिसरे 15 लेखकों के आत्मीय संस्मरणों का संकलन है। इस पुस्तक का पुनर्प्रकाशन भारत भारद्वाज की भूमिका के साथ 80 वर्ष बाद हो रहा है। इस पुस्तक में एक खास दौर के साहित्यकारों पर विदग्ध करने वाली संक्षिप्त टिप्पणियां हैं।

जनार्दन प्रसाद झा ‘द्विज’
प्रेमचंद की उपन्यास-कला (आलोचना)
नयी किताब प्रकाशन, दिल्ली, मूल्य :250 रुपये
भूमिका :भारत भारद्वाज
‘द्विज’ की यह पहली आलोचना पुस्तक 1933 में ‘वाणी मंदिर’ छपरा से प्रकाशित हुई थी। यह प्रेमचंद पर पहली आलोचना पुस्तक है, प्रेमचंद ने इसे देखा था। 1949 में तीसरा संस्करण निकला था। लगभग 70 वर्षों बाद इसका पुनःप्रकाशन भारत भारद्वाज की भूमिका के साथ हुआ है। निश्चित रूप से हिंदी के सबसे लोकप्रिय लेखक प्रेमचंद पर लिखी यह पुस्तक इस दृष्टि से ऐतिहासिक है कि इसके प्रकाशन से अब तक हिंदी में प्रेमचंद पर लिखी पहली पुस्तक के लेकर जो भ्रम और भ्रांति है, दूर हो सकेगी।

रहमान अब्बास
रोहज़िन (उर्दू उपन्यास)
अनुवाद :मोहम्मद रिज़वान अंसारी
वाणी प्रकाशन, दिल्ली, मूल्य :495 रुपये
यह उर्दू का एक चर्चित उपन्यास है, जिससे उर्दू-उपन्यास में एक मोड़ आया। यह एक समाज की भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक स्थितियों को प्रस्तुत करता है। उपन्यास का हिंदी अनुवाद सराहनीय है।

मनोज कुमार झा
किस्सागो रो रहा है (कविता संग्रह)
सेतु प्रकाशन, नोएडा, मूल्य :250 रुपये
इस संग्रह की कविताओं में जीवन के अभाव और चतुर्दिक व्याप्त भयावहता झांकती है। बिना बड़बोलेपन के आकार में छोटी ये कविताएं जीव की खामोशियों और रिक्तियों को अर्थ देती हैं।