सं. नियति कल्प
समग्र से आगे (रामगोपाल ‘रुद्र’ की असंकलित रचनाएं)
यश पब्लिकेशंस, दिल्ली – मूल्य – २९९ रुपये
रुद्र जी के विविधवर्णी लेखन का परिचय इस पुस्तक से मिलता है।इसमें उनकी कविताओं के साथ-साथ दो बालोपयोगी पुस्तकें भी शामिल हैं।उनकी गद्य रचनाएं आकर्षित करती हैं।यह एक जरूरी संकलन है।

सं. कमर मेवाड़ी
आधी सदी का सफरनामा (संबोधन के नाम पत्र)
श्रीसाहित्य प्रकाशन, दिल्ली – मूल्य – ६५० रुपये
‘संबोधन’ के पचास वर्षों की लंबी यात्रा में पाठकों द्वारा लिखे पत्रों का संकलन इस पुस्तक में संग्रहित हैं।यहां लंबी और लघु दोनों तरह की प्रतिक्रियाएं पाठकों को पढ़ने को मिलेंगी।इसमें आपसी बहसें भी खूब हैं।इनसे २०वीं सदी के एक खास दौर की ऐतिहासिक सक्रियता प्रकाश में आती है।

मोहन कुमार डहेरिया
चरण कमलों के दौर में (कविता संग्रह)
सेतु प्रकाशन, दिल्ली, मूल्य – १४० रुपये
हाशिये के लोगों के जीवन यथार्थ पर ये कविताएं संवेदना से भरी और देशज शिल्प में हैं।इनमें जीवन के दर्द और सौंदर्य की सच्ची छवियां हैं।

संपादन एवं अनुवाद – रीतामणि वैश्य
रुक्मिणी-हरण नाट (महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव कृत)
वाणी प्रकाशन, दिल्ली – मूल्य – १९९ रुपये
‘रुक्मिणी-हरण नाट’ असमिया के ‘रुक्मिणी-हरण काव्य’ का संक्षिप्त नाट्य रूप है।इस नाट में ‘भगवत पुराण’ और ‘हरिवंश’ का स्पष्ट प्रभाव है।इस नाट के जरिए असम के शंकरदेव की भक्ति की महिमा की सामने आती है।इसका रचना समय १५६० ई. के आसपास है।

अपूर्व जोशी
यस सर… (कहानी संग्रह)
श्रीसाहित्य प्रकाशन, दिल्ली मूल्य – ६५० रुपये
इस संग्रह की कहानियां कहीं न कहीं समाज में आए बदलाव को रेखांकित करती हैं।मनुष्य की महत्वाकांक्षा का दानवी होना, बाजारवाद के चलते संस्कृति से दूर होते जा रहे समाज से शिव संस्कृति के लोप होने और विष्णु संस्कृति के बढ़ते वर्चस्व के चित्र हैं।