1-ओह रे! किसान (आलेख संग्रह) : अंकिता जैन वाणी प्रकाशन, दिल्ली : मूल्य : 299 रुपए
पृथ्वी को छोड़कर सृष्टि के सभी ग्रह पुलिंग है। पृथ्वी, पर्यावरण और किसान को स्त्री के समान महत्व देते हुए लेखिका ने इस कविता में धर्म, मानवता और सभ्यता के मर्म की व्याख्या की है।
भाषा की सजगता और नई कल्पनाशीलता के साथ यह कविता संग्रह कस्बाई यथार्थ की व्यापक अनुभूतियों पर आधारित है। इसके अलावा प्रकृति से मार्मिक संवाद नताशा की कविताओं को विशिष्ट बनाता है।
गजलों की निरंतर बड़ी होती दुनिया के एक सबल हस्ताक्षर विनय मिश्र ने इस संगह में रचनात्मक ईमानदारी से युग के यथार्थ को उपस्थित किया है। इसमें प्रेम है तो समाज की खरी आलोचना भी है।
4-कब होगी वह भोर (कविता संग्रह) : सूरजपाल चौहान वाणी प्रकाशन, दिल्ली : मूल्य : 125 रुपए
दलित कविता को एक खास आयाम देनेवाले कवि का यह संग्रह शहर की सफेदपोश संस्कृति का बड़ी निर्ममता से अनावरण करता है। इसमें छंद और छंद मुक्ति दोनों के नए प्रयोग हैं। दलितों के जीवन और आक्रोश की सच्ची अभिव्यक्ति।
5-यह पृथ्वी का प्रेमकाल (कविता संग्रह) : अरविंद श्रीवास्तव बोधि प्रकाशन, जयपुर : मूल्य : 120 रुपए
यह कविता संग्रह आधुनिक काव्य संवेदना को सचाई से व्यक्त करता है। बिंबों के निर्माण में नए प्रयोग संग्रह को विशष्ट बना देता है।