सहायक प्राध्यापक।अद्यतन कविता संग्रह ‘अक्टूबर उस साल’। सहायक प्राध्यापक। ‘रामदरश मिश्र के कथा साहित्य का समाजशास्त्रीय अनुशीलन’ प्रकाशित। कछवा बाजार, मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश के एक सामान्य मुस्लिम परिवार में बनारस की जानी-मानी उपशास्त्रीय गायिका रसूलन बाई का जन्म 1902...
गौहर जान का जमाना : मनीष कुमार मिश्रा / उषा आलोक दुबे
मलका-ए-तरन्नुम,शान-ए-कलकत्ता,निहायत मशहूर-ओ-मा’रूफ़ गायिका गौहर जान का जन्म 26 जून 1873 ई. में वर्तमान उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में हुआ। गौहर का जन्म एक क्रिश्चियन परिवार में हुआ था। उनके दादा अंग्रेज और दादी हिंदू थी। अकबर की एक अर्मेनियाई रानी मरियम जमानी बेगम थीं।...
गौहर जान का जमाना : मनीष कुमार मिश्रा / उषा आलोक दुबे
मलका-ए-तरन्नुम,शान-ए-कलकत्ता,निहायत मशहूर-ओ-मा’रूफ़ गायिका गौहर जान का जन्म 26 जून 1873 ई. में वर्तमान उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में हुआ। गौहर का जन्म एक क्रिश्चियन परिवार में हुआ था। उनके दादा अंग्रेज और दादी हिंदू थी। अकबर की एक अर्मेनियाई रानी मरियम जमानी बेगम थीं।...
धर्मानंद कोसंबी – एक जीवन यात्रा भाग 2 : राधावल्लभ त्रिपाठी
(जन्म : 1949) प्रख्यात संस्कृत विद्वान, कवि और साहित्यशास्त्र के आचार्य। 150 से अधिक ग्रंथ प्रकाशित।ठहराव बर्मा से जनवरी 1906 में लौट कर कलकत्ता टिके। यहां अंग्रेजी के प्रोफेसर हरिनाथ दे को पालि पढ़ाते रहे तथा अरविंद घोष के बड़े भाई प्रोफेसर मनमोहन घोष के संपर्क में भी...
धर्मानंद कोसंबी – एक जीवन यात्रा : राधावल्लभ त्रिपाठी
(जन्म : 1949) प्रख्यात संस्कृत विद्वान, कवि और साहित्यशास्त्र के आचार्य। 150 से अधिक ग्रंथ प्रकाशित।राहुल सांकृत्यायन (1893-1963) और धर्मानंद कोसंबी (1876-1947) दोनों समकालीन हैं। धर्मानंद कोसंबी राहुल जी से सत्रह वर्ष बड़े थे, उनसे सोलह वर्ष पहले उन्होंने अपना शरीर...
नवजागरणयुगीन हिंदी आलोचना और बालकृष्ण भट्ट : रवि रंजन
शिक्षाविद एवं आलोचक। ‘लोकप्रिय कविता का समाजशास्त्र’, ‘भक्तिकाव्य का समाजशास्त्र और पद्मावत’, ‘अनमिल आखर’ समेत आठ पुस्तकें। ‘समालोचना का अर्थ पक्षपात रहित होकर न्यायपूर्वक किसी पुस्तक के यथार्थ गुण-दोष की विवेचना करना और उसके ग्रंथकर्ता को एक विज्ञप्ति देना है,...
मेरे अग्रज नंदकिशोर नवल/ भारत भारद्वाज
वरिष्ठ समीक्षक और लेखक 'पुस्तक वार्ता', 'वर्तमान साहित्य' आदि पत्रिकाओं के पूर्व-संपादक । सपने में भी मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे नंदा भैया की श्रद्धांजलि लिखनी पड़ेगी, लेकिन यथार्थ क्रूर होता है। उसे चुपचाप स्वीकार करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं होता। मुझे याद...
नंदकिशोर नवल : एक राजनीतिक आलोचक/ वेंकटेश कुमार
युवा आलोचक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। ‘लोकचेतना वार्ता’ के संपादक। यह कहना गलत न होगा कि निराला और मुक्तिबोध के रचना संसार से संघर्ष करते हुए ही आलोचक नंदकिशोर नवल का जन्म हुआ। ‘मुक्तिबोध : ज्ञान और संवेदना’ नवल जी की महत्वाकांक्षी किताब है। उन्होंने...
विस्मृति से एतराज : स्वयं प्रकाश की कहानियाँ/ बालमुकुंद नंदवाना
चर्चित अनुवादक, पुस्तक ‘हिंदू धर्म प्रवेशिका’ समकालीन हिंदी कहानी के प्रकाश स्तंभ स्वयं प्रकाश को विशिष्ट पहचान दिलाने वाले प्रमुख तत्व हैं – यथार्थ की उनकी गहरी समझ, उनका वैज्ञानिक दृष्टिकोण और रचनात्मक विवेक, सोद्देश्यता और शिल्प के प्रति उनकी सजगता। इन सभी तत्वों...
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