वृत्तचित्र
प्लास्टिक कचरे पर फिल्मी नजर : सुशील कान्ति

प्लास्टिक कचरे पर फिल्मी नजर : सुशील कान्ति

      रंगकर्मी और अनुवादक।लंबे समय से कोलकाता के  रंगमंच ‘रंगशिल्पी’ से संबद्ध।अद्यतन कार्य बांग्ला से हिंदी में अनूदित उपन्यास ‘सीतायन’ (मल्लिका सेनगुप्त)। आज प्लास्टिक या पॉलीथिन पर बात करना, लगता है एक ही बात को दुहराना है।आज आप किसी भी व्यक्ति जो...

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मिस्र, आइवरी कोस्ट और दक्षिण अफ्रीका वाया सिनेमा : संजय राय

मिस्र, आइवरी कोस्ट और दक्षिण अफ्रीका वाया सिनेमा : संजय राय

      युवा कवि।प्रकाशित पुस्तक ‘कुंवर नारायण का कविता लोक’। काग़ज़ात संभाल कर रखने के अलावा समय के साथ तथ्यों के संरक्षण के तमाम तरीके इज़ाद हुए।इन्हीं तरीकों में एक महत्वपूर्ण तरीका है डॉक्यूमेंट्री फिल्म का।डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का उद्देश्य तथ्यों का...

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