रंगकर्मी और अनुवादक।लंबे समय से कोलकाता के रंगमंच ‘रंगशिल्पी’ से संबद्ध।अद्यतन कार्य बांग्ला से हिंदी में अनूदित उपन्यास ‘सीतायन’ (मल्लिका सेनगुप्त)। आज प्लास्टिक या पॉलीथिन पर बात करना, लगता है एक ही बात को दुहराना है।आज आप किसी भी व्यक्ति जो...
प्लास्टिक कचरे पर फिल्मी नजर : सुशील कान्ति
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