साक्षात्कार
एमटी वासुदेवन नायर से एन.पी. हाफिस मुहम्मद की बातचीत

एमटी वासुदेवन नायर से एन.पी. हाफिस मुहम्मद की बातचीत

माडत्त तेक्केप्पाट्ट वासुदेवन नायर (1932-2024) को एमटी के नाम से साहित्य जगत के लोग जानते और मानते हैं। वे मलयालम भाषा के महान लेखक, पटकथाकार और फिल्म निर्देशक रहे हैं। एमटी आधुनिक मलयालम के एक प्रमुख साहित्यकार थे। उन्होंने 23 साल की उम्र में अपना पहला उपन्यास...

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चित्रकार निर्मला सिंह से शर्मिला जालान की बातचीत

चित्रकार निर्मला सिंह से शर्मिला जालान की बातचीत

चर्चित युवा चित्रकार सुश्री निर्मला सिंह से मेरी मुलाकात 2018 में मुंबई में हुई। उसके पहले उनसे फोन पर बात होती रहती थी। मुंबई में पूरे एक दिन उनके स्टूडियो में उनके चित्रों को देखकर मुझे यह एहसास हुआ कि वे गंभीर कलाकार हैं और अलग तरह का काम कर रही हैं। पिछले साल उनकी...

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जोस मुजिका से जैक निकास का साक्षात्कार

जोस मुजिका से जैक निकास का साक्षात्कार

‘एक दशक पहले, दुनिया में जोस मुजिका को लेकर आकर्षण बढ़ गया था। जब वह उरुग्वे के राष्ट्रपति थे, वे राष्ट्रपति भवन को छोड़कर अपनी पत्नी और तीन पैरों वाले कुत्ते के साथ एक छोटे से टिन की छत वाले घर में रहते थे। वे अब एक असाध्य बीमारी से गुजर रहे हैं। उनसे जैक निकास द्वारा...

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मालती जोशी से निर्मला डोसी की बातचीत

मालती जोशी से निर्मला डोसी की बातचीत

मालती जोशी4 जून 1934 - 15 मई 2024 सुपरिचित कहानीकार। हिंदी के अलावा मराठी में लेखन। ‘मध्यांतर’, ‘एक घर सपनों का’, ‘ऑनर कीलिंग और अन्य कहानियां’ प्रमुख कहानी संग्रह। कुछ कहानियों पर फिल्म निर्माण। निर्मला डोसीवरिष्ठ लेखिका। लोक साहित्य पर तीन पुस्तकें, एक काव्य संग्रह,...

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रामचंद्र गुहा से साक्षात्कार, अंग्रेजी से अनुवाद :अवधेश प्रसाद सिंह

रामचंद्र गुहा से साक्षात्कार, अंग्रेजी से अनुवाद :अवधेश प्रसाद सिंह

बहस और संवाद को प्रोत्साहित करने में गांधी की ताकत असीम थी रामचंद्र गुहा(जन्म : 1958) साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से पुरस्कृत रामचंद्र गुहा एक इतिहासकार और जीवनी लेखक हैं। सबसे महत्वपूर्ण काम महात्मा गांधी की दो खंडों में जीवनी है। पहला खंड, ‘गांधी...

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राजमोहन गांधी से मनु.एस. पिल्लई का साक्षात्कार

राजमोहन गांधी से मनु.एस. पिल्लई का साक्षात्कार

मैं कांप गया हूँ, पर कुचला नहीं गया राजमोहन गांधीजन्म 7 अगस्त 1935। महात्मा गांधी के पोते और जाने-माने जीवनीकार, लेखक और इतिहासकार। 1990-92 तक राज्यसभा के सदस्य थे।राजमोहन गांधी के ‘इंडिया आफ्टर 1947’ को उसी तरह लिया जा सकता है जिस प्रकार आजादी के 75 साल पूरे होने पर...

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मैं हमेशा किसी अप्रत्याशित विश्वासघात का सपना देखता हूँ.

मैं हमेशा किसी अप्रत्याशित विश्वासघात का सपना देखता हूँ.

निधन मिलान कुंदेरा : (1 अप्रैल 1929/11 जुलाई 2023)। ‘पहली रचना के साथ ही मुझे यक़ीन हो गया था कि मैंने ख़ुद को पा लिया है। तब से मेरे (सौंदर्य) बोध ने कोई परिवर्तन नहीं जाना। यह उसी एक लीक पर बढ़ता रहा। आज मैं संतुष्ट हूँ कि मैं एक लेखक, एक उपन्यासकार बना, क्योंकि मैं...

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मीनाक्षी थिरुकोडे से अदिति मूर्ति का साक्षात्कार

मीनाक्षी थिरुकोडे से अदिति मूर्ति का साक्षात्कार

भारत में कला बाजारधन और शक्ति द्वारा नियंत्रित है ‘द स्वैडल’ की अदिति मूर्ति ने कला जगत की एक प्रसिद्ध लेखिका और क्यूरेटर मीनाक्षी थिरुकोडे से भारत के कला जगत में पिछले वर्षों में उठे विरोध के संदर्भ में बातचीत की। अनुवाद - अवधेश प्रसाद सिंहवरिष्ठ लेखक, भाषाविद और...

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ओरहान पामुक से निर्मला लक्ष्मण का साक्षात्कार

ओरहान पामुक से निर्मला लक्ष्मण का साक्षात्कार

राजनीति के बारे में सोचने के बजाय एक सुंदर उपन्यास लिखना मेरी प्राथमिकता है ओरहान पामुकनोबेल पुरस्कार से सम्मानित तुर्की लेखक। ‘माई नेम इज रेड’, ‘द म्युजियम ऑफ द इनोसेंस’, ‘स्नो’ आदि प्रसिद्ध पुस्तकें।अद्यतन उपन्यास ‘द नाइट्स ऑफ प्लेग’।(२००६ के साहित्य के नोबेल...

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केवल यथार्थ का वर्णन करना ही दलित साहित्य नहीं है : मोहनदास नैमिशराय से प्रदीप कुमार ठाकुर की बातचीत

केवल यथार्थ का वर्णन करना ही दलित साहित्य नहीं है : मोहनदास नैमिशराय से प्रदीप कुमार ठाकुर की बातचीत

दलित साहित्य के अग्रणी लेखकों में एक नाम मोहनदास नैमिशराय है।पहली दलित आत्मकथा ‘अपने-अपने पिंजरे’ के लेखक।भारतीय दलित आंदोलन का इतिहास (चार खंड) एक दस्तावेजी काम है, जिस पर उनके अनुभव की छाप है।५ वर्षों तक भारत सरकार के डॉ अंबेडकर प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के सदस्य।वर्धा...

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जर्मन कहानी जेनेवा झील के किनारे : स्टीफान ज्वाइग, अनुवाद : शिप्रा चतुर्वेदी

जर्मन कहानी जेनेवा झील के किनारे : स्टीफान ज्वाइग, अनुवाद : शिप्रा चतुर्वेदी

स्टीफान ज्वाइग (1881-1942)।अपने समय के प्रसिद्ध जर्मन उपन्यासकार, नाटककार व जर्नलिस्ट।प्रमुख रचनाएं ‘द रॉयल गेम’, ‘अमोक’, ‘लेटर फ्रॉम एन अननोन वुमेन’, ‘कनफ्यूज़न’ आदि।22 फरवरी 1942 में आत्महत्या कर ली थी। अनुवाद : शिप्रा चतुर्वेदी 1984 से जर्मन भाषा की शिक्षक। जर्मन...

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मैं ‘फेमिनिस्ट’ लफ़्ज़ को जानने से पहले ही ‘फेमिनिस्ट’ बन चुकी थी!

मैं ‘फेमिनिस्ट’ लफ़्ज़ को जानने से पहले ही ‘फेमिनिस्ट’ बन चुकी थी!

अरबी-भाषा के कई प्रकाशनों और न्यूयार्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट, द गार्जियन आदि के लिए नियमित लिखने वाली मोना एल्तहावी एक प्रमुख अमेरिकी आप्रवासी लेखिका और पत्रकार हैं।स्त्री अधिकारों की एक प्रबल समर्थक।इनकी रचनाओं में अरब संसार में स्त्री के स्थान और स्थिति का बयान...

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जलवायु ही जल है, जल ही जलवायु है : जलपुरुष राजेंद्र सिंह से जावैद अब्दुल्लाह की बातचीत

जलवायु ही जल है, जल ही जलवायु है : जलपुरुष राजेंद्र सिंह से जावैद अब्दुल्लाह की बातचीत

प्लेनेटरी पीस और प्लेनेटरी पॉलिटिकल सिस्टम निर्माण की संस्था वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी के संस्थापक व लेखक जावैद अब्दुल्लाह द्वारा मानवजाति की भावी पीढ़ी पर मंडराते पानी के भूमंडलीय संकट परजल-पुरुष राजेंद्र सिंह से हुई बातचीत के अंश राजेन्द्र सिंह (बाएं) जावैद अब्दुल्लाह...

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जलवायु ही जल है, जल ही जलवायु है : जलपुरुष राजेंद्र सिंह से जावैद अब्दुल्लाह की बातचीत

जलवायु ही जल है, जल ही जलवायु है : जलपुरुष राजेंद्र सिंह से जावैद अब्दुल्लाह की बातचीत

प्लेनेटरी पीस और प्लेनेटरी पॉलिटिकल सिस्टम निर्माण की संस्था वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी के संस्थापक व लेखक जावैद अब्दुल्लाह द्वारा मानवजाति की भावी पीढ़ी पर मंडराते पानी के भूमंडलीय संकट परजल-पुरुष राजेंद्र सिंह से हुई बातचीत के अंश राजेन्द्र सिंह (बाएं) जावैद अब्दुल्लाह...

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बंदूक की नोक पर जीत हासिल नहीं की जा सकती : फौजिया कूफी

बंदूक की नोक पर जीत हासिल नहीं की जा सकती : फौजिया कूफी

अफगानिस्तान नेशनल असेंबली की प्रथम महिला उपराष्ट्रपति, राजनीतिज्ञ, स्त्री अधिकारों के लिए आंदोलन करने वाली। दोहा शांति बैठक में तालिबानियों के साथ बात-चीत करने वाले दल की प्रमुख सदस्य हैं फौजिया कूफी। इनका साक्षात्कार लिया है आनंदबाजार पत्रिका की संवाददाता अग्नि राय...

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एक साक्षात्कार कपिला वात्स्यायन का : अनुवाद अवधेश प्रसाद सिंह

एक साक्षात्कार कपिला वात्स्यायन का : अनुवाद अवधेश प्रसाद सिंह

कपिला वात्स्यायन (1928-2020) का विगत सितंबर माह में निधन हो गया। वे वैश्विक स्तर पर प्रख्यात कला-विदुषी थीं। पद्म विभूषण से सम्मानित। वे कला-प्रदर्शनियों में सिद्धहस्त थीं और मानविकी तथा कला के क्षेत्र में बहु-अनुशासनात्मक स्तर पर संवाद करने में कुशल थीं। उन्होंने...

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लुईस ग्लूक से नोबल मीडिया का साक्षात्कार

लुईस ग्लूक से नोबल मीडिया का साक्षात्कार

नोबल साहित्य सम्मान 2020 की घोषणा होने के तुरंत बाद टेलीफोनिक साक्षात्कार के लिए नोबल मीडिया की ओर से लुईस ग्लूक को फोन किया गया। अल्लसुबह एक कप कॉफी की चाहत के साथ, लुईस ने अपने घर से संक्षेप में बात की। साक्षात्कारकर्ता थे, चीफ़ साइंटिफिक अधिकारी एडम स्मिथ. (स्रोत :...

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