मलयालम कथाकार और सामाजिक कार्यकर्ता।एक कहानी संग्रह प्रकाशित| संप्रति रेलवे सेवा में। छुट्टी की सारी अलसता माथे पर मढ़कर चाय का प्याला लिए मैंने अखबार पर नज़र डाली।महामारी के फैलाव से बचाने के लिए बंद तालों के क्रमशः खुलते जाने का समाचार पढ़ रही थी कि उन परिंदों की...

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