के. वी. तिरुमलेश(जन्म :1940) आधुनिक कन्नड़ कवि, कहानीकार और समीक्षक। प्राध्यापन से सेवा निवृत्ति के बाद स्वतंत्र लेखन। डी. एन. श्रीनाथकन्नड़-हिंदी में परस्पर अनुवाद। 105 अनूदित पुस्तकें प्रकाशित।साहित्य अकादेमी का अनुवाद पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का सौहार्द...
मेधाबोट (ए आई) की कविताएं, टिप्पणी और अनुवाद : अवधेश प्रसाद सिंह
कंप्यूटर प्रोग्राम जिस तरह से बढ़ रहे हैं, वे मनुष्य के मस्तिष्क के अनुरूप कार्य करते प्रतीत होने लगे हैं। मशीन लर्निंग के इधर उभरते हुए इलाकों को देखकर इसका अनुमान लगाया जा सकता है। स्मार्टफोन का वॉयस असिस्टेंट या इमेज रिकग्निशन भी इसका एक उदाहरण है, जो तंत्रिका...
गाब्रिएल गार्सिया मार्केस की पांच लघुकथाएं : स्पेनी से अनुवाद : अश्वनी कुमार
गाब्रिएल गार्सिया मार्केस(1927-2014) स्पेनिश भाषा के ऐसे रचनाकार थे जिनके जादुई यथार्थवाद ने समूची दुनिया के साहित्य को प्रभावित किया। उनके उपन्यास ‘एकाकीपन के सौ वर्ष’ को बीसवीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण कृतियों में शुमार किया जाता है।एकलगभग पांच साल का एक बच्चा, जिसने...
बांग्ला कविता : अनुराधा महापात्र, अनुवाद :जयश्री पुरवार
अनुराधा महापात्र(1954) स्त्रीवादी बांग्ला लखिका। कविताओं में प्रतिवाद के साथ-साथ व्यथा और करुणा का स्वर। पश्चिम बंग अकादमी पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित। अब तक 25 कविता संग्रह, तीन निबंध संग्रह। जयश्री पुरवारवरिष्ठ लेखिका और अनुवादक। पुस्तक ‘अमेरिका ओ...
हान कांग : कहानी अभी ख़त्म नहीं हुई – ‘बनाना राइटर्स’ के साथ एक साक्षात्कार
एक सदी लंबे उपनिवेशवाद, अलगाववाद और तानाशाही के विरुद्ध लोकतंत्र के लिए संघर्ष से गुजरने के बाद दक्षिण कोरियाई लेखकों के पास लिखने के लिए अनगिनत अनसुनी कहानियां बची रही हैं और कलम में पर्याप्त स्याही भी। यही वजह है कि 2014 के लंदन पुस्तक मेले के केंद्र में ‘दक्षिण...
खासी कविताएं : सोसो थाम, अनुवाद :श्रुति एवं माधवेंद्र
सोसो थाम (1873-1940)मेघालय की खासी भाषा के सर्वाधिक प्रसिद्ध कवि। नई तरह की कविता लिखने वाले पहले कवि। प्रमुख काव्य-संकलन हैं ‘का दुइतारा क्सियार’, ‘कि स्नगी बा रिम’। सुनहला अनाज हम छान मारते हैं पूरी दुनिया प्रकाश की तलाश मेंपर अपनी भूमि में छिपे प्रकाश को नहीं जानते...
नोबेल विजेता ‘हान कांग’ से जेनी राइडन की बातचीत, अनुवाद और प्रस्तुति : उपमा ॠचा
साक्षात्कार (10 अक्तूबर 2024। स्थान : साउथ कोरिया। हान कांग के घर में यह दिन दूसरे दिनों की तरह बीत रहा था। यानी शांत, मौन और चुपचाप! वह बस अभी-अभी अपने बेटे के साथ रात का खाना खत्म करके उठी थीं कि कोने में शांत रखा फोन घनघनाने लगा। हान ने कॉल रिसीव की, जो नोबल...
हान कांग की कविता : दर्पण से झांकता शीत, अंग्रेजी से अनुवाद: उपमा ॠचा
हाल ही में नोबल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित पहली दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कॉग का जन्म 27 नवम्बर 1970 को ग्वांगजू में हुआ। बचपन से ही वह किताबों के बीच रहीं। शब्दों के संसार में... बाद में यही शब्द उन्हें ‘सियोल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट्स’ के क्रिएटिव राइटिंग विभाग की ओर...
गुजराती कहानी ‘वैसा ही घर’ : वीनेश अंताणी, अनुवाद : कुशल खंधार
वीनेश अंताणी1946 में गुजरात के कच्छ ज़िले में जन्म। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित गुजराती के प्रमुख साहित्यकार। 60 से अधिक उपन्यास, कहानी-संग्रह, निबंध-संग्रह इत्यादि प्रकाशित। चर्चित उपन्यास ‘प्रियजन’ और ‘धूंधभरी खीण’। कुशल खंधारलंदन-स्थित लेखक और...
फारसी कहानी ‘जला हुआ इसपंदान’ :मरियम शुजाई, अनुवाद :नासिरा शर्मा
मरियम शुजाई1953 में तेहरान में जन्म। ‘रंगे पाइज़’, ‘दसीसे ब्लाक 44’, ‘निशान-ए-बहार’, ‘माजराए खालाजान’ आदि रचनाएं। नासिरा शर्माहिंदी की चर्चित कथाकार। ईरानी समाज तथा राजनीति के अतिरिक्त साहित्य, कला और सांस्कृतिक विषयों की विशेषज्ञ। मैंने बर्तन धोने वाली मशीन से इसपंदान...
पंजाबी कहानी ‘जंगल में उगी चुप’ : राशिद जावेद अहमद, अनुवाद :सुभाष नीरव
राशिद जावेद अहमदउर्दू और पंजाबी के प्रसिद्ध कथाकार। 2 अक्तूबर 1950 को गुजरांवाला में जन्म हुआ। पंजाबी कहानी संग्रह ‘मिट्टी उत्ते लीक’ लाहौर से प्रकाशित है। टीवी के लिए ड्रामे भी लिखे। बैंक से असिस्टेंट वाइस प्रेज़ीडेंट पद से रिटायर। आजकल एक ऑनलाइन साहित्यिक...
उड़िया कहानी ‘उत्तराधिकारी’ : दशरथि भूयाँ, अनुवाद :भगवान त्रिपाठी
दाशरथि भूयाँ उड़िया कथाकार, कवि और लेखक। कई पुस्तकें प्रकाशित। ‘कालाहांडी के लोग’ हिंदी में। संप्रति नगालैंड विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रो़फेसर। भगवान त्रिपाठी उड़िया से हिंदी में अनूदित कई पुस्तकें। उत्तर प्रदेश हिंदी-संस्थान, लखनऊ द्वारा ‘सौहार्द सम्मान’...
मराठी कविता : एल. एस. रोकाडे
दलित मराठी कवि।अंग्रेजी में अनूदित कविता संग्रह ‘प्वायजंड ब्रेड’।पैदा होऊं या नहीं मां, तुम मुझे कहा करती थीजब मैं पैदा हुआ थातुम्हें असह्य प्रसव पीड़ा हुई थीकारण क्या था मां?इतनी लंबी प्रसव पीड़ा की वजह क्या थी?क्या मैं निकलना नहीं चाहता था तुम्हारे पेट सेऔर मुझे बड़ी...
उड़िया कविता : पारमिता शतपथी, अनुवाद :रेखा सेठी
पारमिता शतपथी(जन्म :1965) ओड़िआ एवं अंग्रेज़ी की सशक्त कथाकार तथा कवयित्री। अब तक 18 पुस्तकें प्रकाशित। साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ अनेक पुरस्कारों से सम्मानित। रेखा सेठीसुपरिचित लेखिका, संपादक और अनुवादक। अद्यतन प्रकाशित पुस्तकों में - ‘स्त्री-कविता : पक्ष और...
आदिवासी कविता : धन्या वेंगाचेरी, अनुवाद : संतोष अलेक्स
1992- केरल की आदिवासी कवयित्री। मलयालम के अलावा आदिवासी भाषा मालिलन तुड में कविताएं लिखती हैं। एक कविता संग्रह प्रकाशित। ‘वसुमती कविता पुरस्कार’ से सम्मानित। कवि और अनुवादक। हिंदी में 40 किताबें प्रकाशित। कोचिन में मात्स्यिकी विभाग में संयुक्त निदेशक (राजभाषा) के पद...
फ्रेंक ओ हारा, अनुवाद : उपमा ॠचा
(1926-1966)। अपना परिचय ‘पोइट, नॉट ए पेंटर’ के तौर पर देने वाले फ्रांसिस रसेल फ्रेंक ओ हारा एक अमरीकी लेखक, कवि और कला समीक्षक थे। उन्होंने आत्मकथात्मक लेखन के अतिरिक्त ‘न्यूयार्क स्कूल ऑफ पोयट’ के सबसे डायनमिक लीडर के रूप में भी नाम कमाया। प्रस्तुत है उनकी कविता ‘इन...
फिलिस्तीनी कहानी ‘मरियम की याद में : रशाद आबू शावर
1942 में फिलिस्तीन के ज़करैन नामक गांव में जन्म। 1948 में गांव पर इस्राइली आधिपत्य के उपरांत परिजनों सहित पलायन।फिलिस्तीनी मुक्ति संघर्ष के जुझारू योद्धा यासर अराफात के संगठन ‘फतह’ के अनेक उच्च पदों पर रहते हुए मुक्ति संघर्ष में योगदान। 1966 से लिखने की शुरुआत। अनेक...
कोक बोरोक कविता (त्रिपुरा) : चंद्रकांत मूरासिंह, अनुवाद : मंजु श्रीवास्तव
(1957-2023) पूर्वोत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध कवियों में एक। कोकबोरोक भाषा में कविता की कई पुस्तकें प्रकाशित। साहित्य अकादमी, नई दिल्ली से भाषा सम्मान पुरस्कार प्राप्त। वरिष्ठ कवि और अनुवादक। कविता संग्रह : ‘हजार हाथ’। बांग्ला और अंग्रेजी से कई रचनाओं का अनुवाद।...
अमेरिकी आदिवासी कविता : अल्बर्टो रिओज, हिंदी अनुवाद : मंजु श्रीवास्तव
(1952-) अरिजोना के अमेरिकी आदिवासी कवि, कथा और संस्मरण लेखक। भाषा में जादुई यथार्थवाद के चितेरे। उनके कई कविता संग्रहों में ‘नॉट गो अवे इज माई नेम’, ‘द डेंजरस शर्ट’, ‘द थिएटर ऑफ नाइट’, ‘फाइव इंडिस्क्रिशंस’ आदि शामिल। वरिष्ठ कवि और अनुवादक। कविता संग्रह : ‘हजार...
विस्लावा शिम्बोर्स्का (1923-2012), अनुवाद : सदानंद शाही
वरिष्ठ कवि, आलोचक और लोक साहित्य के विद्वान। ‘साखी’ पत्रिका के संपादक। रैदास के पदों का काव्यांतरण हाल में प्रकाशित। बनारस हिंंदू विश्वविद्याल के हिंदी विभाग के पूर्व-प्रोफेसर। पहली नज़र का प्यार वे दोनों मानते हैं किएक आकस्मिक से जुनून ने उन्हें जोड़ाऐसी सुनिश्चितता...
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