कहानी
कंबल : सरिता कुमारी

कंबल : सरिता कुमारी

    युवा लेखिका। कहानी संग्रह ‘उजालों के रंग’ और ‘तूफ़ान’। कविता संग्रह- ‘अनुभूति’, ‘एक टुकड़ा धूप का’ प्रकाशित। ‘बूंदों की भी अपनी भाषा होती है। जैसे सन्नाटे की और शोर की भी। सीने में घुटते दर्द की भी होती है, आंखों में फंसी नमी की और होठों के कोर में फंसी...

read more
फारसी कहानी ‘जला हुआ इसपंदान’ :मरियम शुजाई, अनुवाद :नासिरा शर्मा

फारसी कहानी ‘जला हुआ इसपंदान’ :मरियम शुजाई, अनुवाद :नासिरा शर्मा

मरियम शुजाई1953 में तेहरान में जन्म। ‘रंगे पाइज़’, ‘दसीसे ब्लाक 44’, ‘निशान-ए-बहार’, ‘माजराए खालाजान’ आदि रचनाएं। नासिरा शर्माहिंदी की चर्चित कथाकार। ईरानी समाज तथा राजनीति के अतिरिक्त साहित्य, कला और सांस्कृतिक विषयों की विशेषज्ञ। मैंने बर्तन धोने वाली मशीन से इसपंदान...

read more
पंजाबी कहानी ‘जंगल में उगी चुप’ : राशिद जावेद अहमद, अनुवाद :सुभाष नीरव

पंजाबी कहानी ‘जंगल में उगी चुप’ : राशिद जावेद अहमद, अनुवाद :सुभाष नीरव

  राशिद जावेद अहमदउर्दू और पंजाबी के प्रसिद्ध कथाकार। 2 अक्तूबर 1950 को गुजरांवाला में जन्म हुआ। पंजाबी कहानी संग्रह ‘मिट्टी उत्ते लीक’ लाहौर से  प्रकाशित है। टीवी के लिए ड्रामे भी लिखे। बैंक से असिस्टेंट वाइस प्रेज़ीडेंट पद से रिटायर। आजकल एक ऑनलाइन साहित्यिक...

read more
निहत्थी स्त्री : ज्ञानप्रकाश विवेक

निहत्थी स्त्री : ज्ञानप्रकाश विवेक

गजल लेखन में सक्रिय। गजल, उपन्यास, कहानी, आलोचना आदि की तीस पुस्तकें प्रकाशित। अद्यतन गजल संग्रह ‘घाट हजारों इस दरिया के’। यह पुराना मकान है। तीन बड़े कमरे, एक छोटा कमरा। कमरों के साथ बरामदा। दो-तीन सीढ़ियां उतरो तो आंगन शुरू होता है। आंगन में सूखी घास है और भरे हुए...

read more
हाव तुका मॉग करता : जयश्री रॉय

हाव तुका मॉग करता : जयश्री रॉय

    दस कहानी संकलन, ५ उपन्यास, एक कविता संकलन प्रकाशित तथा ४ कहानी संकलनों का संपादन।अद्यतन उपन्यास ‘थोड़ी सी जमीन थोड़ा आसमान’। ‘साईबा! ओ साईबा!’ मछली की टोकरी सर से उतार कर वेंसी बरामदे में बैठी चिल्लाए जा रही थी। साहिबा को तेज गुस्सा आया। वह दर्जन भर बांगड़े...

read more
अखड़ा : पार्वती तिर्की

अखड़ा : पार्वती तिर्की

    युवा लेखिका। रांची विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक (हिंदी) के तौर पर कार्यरत। ‘नौर! जल्दी बाहर आओ, चलो नृत्य करने चलें।’ मांझो ने आवाज दी। नौर अपने जूड़े में बगुले का पंख सजा रही थी। घुटने तक अपनी साड़ी कसकर बांधी। हाथ में बांस का पंखा डोलाते हुए बाहर...

read more
वेंटिलेटर : शब्बीर अहमद

वेंटिलेटर : शब्बीर अहमद

    1963, कलकत्ता में जन्मे प्रतिष्ठित उर्दू कथाकार और अनुवादक। रचनाएं देश-विदेश की प्रायः सभी श्रेष्ठ उर्दू पत्रिकाओं में प्रकाशित। अब तक दस पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें दो उपन्यास और एक कहानी संग्रह शामिल। कई पुरस्कारों से सम्मानित।   अब उन्होंने यही...

read more
पिता :रूपसिंह चंदेल

पिता :रूपसिंह चंदेल

    वरिष्ठ कथाकार और लेखक। उपन्यास, कहानी संग्रह, बाल साहित्य, यात्रा संस्मरण, संस्मरण आदि की  80 पुस्तकें।    पंद्रह दिनों तक शीतलहर थी। आसमान में दिन भर धुंध छाई रही। सूरज किसी कंदरा में छुपा इतने दिनों से सुख की नींद ले रहा था। उनका जीवन कमरे से आंगन...

read more
फरिश्तों का घर : शंकर

फरिश्तों का घर : शंकर

    सुप्रतिष्ठित कथाकार और ‘परिकथा’ पत्रिका के संपादक। अद्यतन किताबें ‘सड़क पर मोमबत्तियां’, ‘यह समय’ (संपादकीय टिप्पणियां, लेख, संवाद)।   यही यहां का दस्तूर और सिलसिला था। यहां के बच्चों की जिंदगी गुजरती तो थी इसी नक्शे के एक मुकाम पर, लेकिन किसी न किसी...

read more
मातृत्व (असमिया) : इंदिरा गोस्वामी, अनुवाद : कुल प्रसाद उपाध्याय

मातृत्व (असमिया) : इंदिरा गोस्वामी, अनुवाद : कुल प्रसाद उपाध्याय

बाहर मूसलाधार बारिश हो रही थी। दरवाजे पर खड़े होकर मधु मास्टर ने फिर से एक बार आकाश में उड़ते हुए काले-काले बादलों की ओर देखा। कोने में पड़ी पुरानी छतरी को फिर से एक बार खोलकर देखा -  नहीं, किसी भी हालत में इसे लेकर ऐसे मौसम में बाहर नहीं निकला जा सकता। छतरी के खुलते ही...

read more
उड़िया कहानी ‘उत्तराधिकारी’ : दशरथि भूयाँ, अनुवाद :भगवान त्रिपाठी

उड़िया कहानी ‘उत्तराधिकारी’ : दशरथि भूयाँ, अनुवाद :भगवान त्रिपाठी

दाशरथि भूयाँ उड़िया कथाकार, कवि और लेखक। कई पुस्तकें प्रकाशित। ‘कालाहांडी के लोग’ हिंदी में। संप्रति नगालैंड विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रो़फेसर।  भगवान त्रिपाठी उड़िया से हिंदी में अनूदित कई पुस्तकें। उत्तर प्रदेश हिंदी-संस्थान, लखनऊ द्वारा ‘सौहार्द सम्मान’...

read more
बंद खिड़कियां : रितेश पांडेय

बंद खिड़कियां : रितेश पांडेय

    युवा कहानीकार। संप्रति बीटेक के छात्र। मैं अकसर अपने बिस्तर पर लेटे हुए छत से लगे चलते पंखे को देखकर सोचता हूँ, क्या ऊर्जा का होना ही जीवित रहने का प्रमाण है? अगर हां, तो मुझे सूखे-शांत, पत्तों, पेड़ों और यहां तक कि स्थिर खिड़कियों में एक असीमित अमृत जीवन...

read more
बस्ती आने वाली है : शहंशाह आलम

बस्ती आने वाली है : शहंशाह आलम

  चर्चित कथाकार। दस कविता संग्रह और  ‘कवि का आलोचक’, ‘कविता की प्रार्थना सभा’, ‘कविता का धागा’ तथा ‘शब्द के रफूगर’ (आलोचना) प्रकाशित। संप्रति, बिहार विधान परिषद के प्रकाशन विभाग में। वह एक भुतहा रात थी, भुतहे रहस्यों के अधीन चांद का चक्कर लगाती हुई... जिस स्टेशन...

read more
रिक्तता : सुभाष चंद्र कुशवाहा

रिक्तता : सुभाष चंद्र कुशवाहा

    सुपरिचित कथाकार, संपादक और लोक-इतिहास के गंभीर अध्येता और लेखक। ‘लोकरंग’ वार्षिकी का 1998 से निरंतर संपादन। अद्यतन पुस्तक ‘भील विद्रोह’ (संघर्ष के सवा सौ साल), ‘टंट्या भील’ (द ग्रेट इंडियन मून लाइटर)। कर्नल अजय सिंह अपार्टमेंट के जाने-पहचाने चेहरा थे।...

read more
सच्चाई : रेखा राजवंशी

सच्चाई : रेखा राजवंशी

    सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में प्रवासी कथाकार और कवयित्री। कहानी और कविताओं की दस पुस्तकें। सद्य प्रकाशित पुस्तक इण्डिया नेट बुक्स की कथामाला श्रंखला के अंतर्गत 'मेरी कहानियां.' रमा के लिए यह बहुत शॉकिंग था। घर का माहौल इस तरह बदल रहा था कि वे कुछ भी समझ न पा...

read more
विस्फोट : अमरीक सिंह दीप

विस्फोट : अमरीक सिंह दीप

    वरिष्ठ कथाकार। दो उपन्यास, ग्यारह कहानी संग्रह, दो लेख संग्रह सहित अनुवाद की कई पुस्तकें प्रकाशित। निमंत्रण-पत्र मिलने पर शकुन को हैरानी भरी खुशी हुई। भीतर आतिशबाजी वाला राकेट-सा छूटा था और आत्माकाश पर लाल-पीले-हरे, चमकीले सितारों का प्रकाश भर गया था।...

read more
बांग्ला कहानी ‘वह’ :सायंतनी पूततुंड, अनुवाद :सुरेश शॉ

बांग्ला कहानी ‘वह’ :सायंतनी पूततुंड, अनुवाद :सुरेश शॉ

युवा लेखिका और कवयित्री। बचपन से ही लिखने का शौक रहा है। बांग्ला समाचार पत्रों के साथ बांग्ला देश के समाचार पत्र ‘भोरेर पत्र’ में भी निरंतर लिखती रहती हैं। कथाकार  और अनुवादक।दो कहानी संग्रह: ‘बाघा’ और ‘बदलते चैनल और अन्य कहानियाँ।’ संप्रति: स्वतंत्र लेखन, पत्रकारिता...

read more
नई इबारत : सुधा जुगरान

नई इबारत : सुधा जुगरान

    विगत तीन दशकों से लेखन में निरंतर सक्रिय।  अभी तक  5 कहानी संग्रह और एक उपन्यास- ‘मनस्विनी’ प्रकाशित। वह मेरे सामने खड़ी थी। काफी समय से उसके आने की आहट हम दोनों की आपसी सरगोशियों में थी। घर में काम करने वाली लाली उसे लेकर आई थी। नाम भी भला सा था, रंजना।...

read more
शतरंज के प्यादे : सुधा थपलियाल

शतरंज के प्यादे : सुधा थपलियाल

    सुपरिचित कथाकार। विभिन्न पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। संप्रति स्वतंत्र लेखन। दरवाजे के ताले को खोलने के लिए मैं जेब से चाबी निकाल ही रहा था कि सहसा मेरी नजर ताले पर लगी पर्ची पर पड़ी। पर्ची देख मैं चौंक गया। चाबी निकालना छोड़, मैंने पर्ची को निकाला, उसे...

read more
वसूली : जमुना बीनी

वसूली : जमुना बीनी

      अरुणाचल प्रदेश की कथाकार और लेखिका। ‘दो रंगपुरुष- मोहन राकेश और गिरीश कर्नाड’ (आलोचना) ‘जब आदिवासी गाता है’ (कविता संग्रह), ‘उईमोक’ (न्यीशी लोककथा संग्रह), ‘अयाचित अतिथि और अन्य कहानियां’ (कहानी संग्रह)। नब्बे बरस की चाची को मिट्टी के अनेक तहों के...

read more