कहानी
समय की धार में : दिनेश पाठक

समय की धार में : दिनेश पाठक

    वरिष्ठ रचनाकार।अब तक दस कहानी संग्रह, तीन उपन्यास और एक संपादित पुस्तक।नवीनतम कहानी संग्रह-‘एक नदी थी यहां’।एसोसिएट प्रोफेसर पद से सेवानिवृत्त। रात को ठीक से नींद नहीं आ पाती। कितनी ही बार नींद खुलती है। नींद खुलती है तो शरीर का पोर-पोर दुखता हुआ महसूस...

read more
दंगल : तनवीर अख़्तर ‘रूमानी’

दंगल : तनवीर अख़्तर ‘रूमानी’

    सेवानिवृत  शिक्षक। कहानी-संग्रह ‘बबूल’। लघुकथा संग्रह ‘खोल दो’। ‘बबूल’ पर उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी एवं बिहार उर्दू अकादमी का पुरस्कार। दंगल की तारीख की घोषणा हो चुकी थी। जिले के दंगल-प्रेमी बड़ी बेसब्री से उस दिन की प्रतीक्षा कर रहे थे। नया बाज़ार गांव के...

read more
दंगल : तनवीर अख़्तर ‘रूमानी’

मैथिली कहानी ‘विनिमय’ : हरिमोहन झा, अनुवाद : शुभंकर मिश्र

  लेखक : (1908-1984) पटना विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र के प्रो़फेसर और फिर विभागाध्यक्ष बने। अपने बहुमुखी रचनात्मक अवदान से मैथिली साहित्य की श्री-वृद्धि करनेवाले विशिष्ट लेखक। ‘खट्टर काका’ जैसी बहुचर्चित व्यंग्यकृति विशेष उल्लेखनीय। मैथिली में क़रीब 20 पुस्तकें...

read more
मोड़ से आगे : हरिशंकर राढ़ी

मोड़ से आगे : हरिशंकर राढ़ी

    वरिष्ठ लेखक। ‘युधिष्ठिर का कुत्ता’ (व्यंग्य संग्रह), ‘दर्शन, दृष्टि और पांव’ (यात्रा संस्मरण)।  संप्रति : अध्यापन एवं साहित्यिक त्रैमासिकी ‘समकालीन अभिव्यक्ति’ के सह संपादक। पहला साल पूरा होने में बस एक ही महीना रह गया है। रितिका के हिसाब से देखें तो अभी...

read more
विध्वंस : दिलीप दर्श

विध्वंस : दिलीप दर्श

    ‘सुनो कौशिकी’, ‘महाप्रस्थान के पीछे’ (कविता संग्रह),‘अब तो दे दो मुझे अंधेरा यह’ (ग़ज़ल संग्रह), ‘मानुस कंपनी’ (कहानी संग्रह)।सम्प्रति : बैंक में कार्यरत। सरजुग बाबू नहीं रहे, लेकिन गांव में उनके नाम पर एक आदमकद प्रतिमा जरूर रह गई थी, गांव के बाहर एक...

read more
खाट टोटका : धनंजय चोपड़ा

खाट टोटका : धनंजय चोपड़ा

पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में विपुल कार्य।इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज के पाठ्यक्रम समन्वयक।हालिया प्रकाशित पुस्तकें, ‘कजरी लोक गायन’ और ‘संचार, शोध और मीडिया’। दीनू सिर पर खटिया लादे तेज कदमों से घर की ओर बढ़ा चला जा रहा है। सोचा था कि सूरज...

read more
मुझे माफ करना मेरे बच्चे : अरुण अर्णव खरे

मुझे माफ करना मेरे बच्चे : अरुण अर्णव खरे

    वरिष्ठ कथाकार। साहित्य की सभी विधाओं में लेखन। एक उपन्यास ‘कोचिंगकोटा’। चार कहानी संग्रह - ‘भास्कर राव इंजीनियर’, ‘चार्ली चैप्लिन ने कहा था’, ‘पीले हाफ पैंट वाली लड़की’। रात के दस बज चुके थे। थोड़ी देर पहले बारिश हुई थी। इसलिए सड़क पर आवाजाही न के बराबर थी।...

read more
खुशी : राजेंद्र कुमार सिंह

खुशी : राजेंद्र कुमार सिंह

    कविता संग्रह, ‘मास्क लगाकर सोता हूँ’, और ‘आज का महामहिम कोरोना से साक्षात्कार’। हिंदी और भोजपुरी फिल्मों में गीत लेखन। हरखू दुसाध के बेटे किशन की नौकरी का लेटर आया सुनकर, उसके गांव की छाती पर सांप लोटने लगा। हरखू के मन में हजार-हजार कल्पनाएं हिलोरे लेने...

read more
पेंच : मधुपाल (मलयालम), अनुवाद :सुमित पी.वी

पेंच : मधुपाल (मलयालम), अनुवाद :सुमित पी.वी

कथाकार : मलयालम के कथाकार और फिल्म अभिनेता। कई कृतियां। संप्रति केरल राज्य सांस्कृतिक कार्यकर्ता कल्याण बोर्ड के सचिव। अनुवादक : मलयालम से हिंदी में अनुवाद कार्य। संप्रति केरल के एक कॉलेज में शिक्षण।  भाषा आदिम है। शब्दों को अपना अर्थ खोजने के लिए बहुत दूर का रास्ता...

read more
बिना नेम प्लेट वाला मकान : देवांशु पाल

बिना नेम प्लेट वाला मकान : देवांशु पाल

    सुपरिचित कथाकार और कवि। ‘बीड़ी पीती हुई बूढ़ी औरत’ (कविता संग्रह) और ‘बारिश थमने के बाद’ (कहानी संग्रह) प्रकाशित। त्रैमासिक पत्रिका ‘पाठ’ का संपादन। सुधांशु भारद्वाज को अपने बेटे के शहर में आए, आज तीसरा दिन है, साथ में पत्नी भी आई है। उनका बेटा नीलेश,...

read more
प्रोग्रामिंग : उपमा शर्मा

प्रोग्रामिंग : उपमा शर्मा

    युवा लेखिका। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं एवं संकलनों रचनाएं प्रकाशित।  लघुकथा संग्रह ‘कैक्टस एवं अन्य लघुकथाएं’। कंप्यूटर पर बैठी रीटा के हाथ तेजी से माउस और कर्सर पर घूम रहे थे। बराबर के कंप्यूटर पर काम करता अंकित भी उंगलियां तेजी से चला रहा था। ‘रीटा, कितने...

read more
बहस के बाहर : उर्मिला शिरीष

बहस के बाहर : उर्मिला शिरीष

    वरिष्ठ लेखिका। अद्यतन कहानी संग्रह ‘ऐ देश बता तुझे हुआ क्या है’ और अद्यतन उपन्यास ‘खैरियत है हुजूर’। ‘भाभी जी, मैं दिनेश बोल रहा हूँ। अरुण से बहुत जरूरी बात करनी है। उसका फोन नॉट रिचेबल आ रहा है।’ ‘आप उनके दूसरे नंबर पर लगाकर देखें। लेकिन बात क्या है? आप...

read more
बॉन्डिंग : पूनम मनु

बॉन्डिंग : पूनम मनु

    युवा लेखिका। अद्यतन उपन्यास ‘प्रेम आखेट’।  संप्रति : स्वतंत्र लेखन। उन्होंने व्याकुल होकर अपनी दृष्टि दूर तक डाली। कोई परछाईं भी कहीं उनको न दिखाई दी, वे बेचैन हो उठे। घर के मुख्य द्वार की दाईं तरफ़ दो प्लास्टिक की कुर्सियों में से एक पर वे बैठे थे। जबकि...

read more
स्टेपनी : छाया सिंह

स्टेपनी : छाया सिंह

    कथा लेखन में सक्रिय। कहानी संकलन ‘ऐसा भी होता है’ और ‘साँझी छत’ प्रकाशित। गाना लाउडस्पीकर से फुल वॉल्यूम में बज रहा था। चेहरे पर सस्ता मेकअप थोपे गांव का मेहरा गुड्डू ग़ज़ब की फुर्ती से नाच रहा था। गांव के लड़के उसके साथ ऊलजलूल नाच रहे थे और हँसी-ठिठोली कर...

read more
स्पेस : सरोजिनी नौटियाल

स्पेस : सरोजिनी नौटियाल

    वरिष्ठ लेखिका। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। संप्रति उत्तराखंड में प्राध्यापिका। बेटियों को लगता था कि उनके मायके का मकान अभी लंबे समय तक ऐसा ही रहेगा। उनके छुटपन के संदूक-आलमारियां, बुक शेल्फ, मेज-कुर्सियां, पलंग-तख्त - सब यथावत रहेगा। जब...

read more
डेथ क्लीनिंग : वर्षा अड़ालजा (गुजराती), अनुवाद : रजनीकांत एस शाह

डेथ क्लीनिंग : वर्षा अड़ालजा (गुजराती), अनुवाद : रजनीकांत एस शाह

    रजनीकांत एस. शाह गुजरात विश्वविद्यालय से अध्यापन के बाद अनुवादक के रूप में सक्रिय। शोधप्रबंध सहित 28 पुस्तकों का प्रकाशन। वर्षा अड़ालजा साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त गुजराती लेखिका। 22 उपन्यास तथा 45 कहानी संग्रह प्रकाशित। उपन्यास ‘अणसार’ पर फिल्म भी...

read more
दोगला : परदेशीराम वर्मा

दोगला : परदेशीराम वर्मा

वरिष्ठ लेखक। आठ कथा संग्रह, तीन उपन्यास सहित संस्मरण, नाटक, जीवनी एवं बाल कथा संग्रह प्रकाशित।   झब्बू शरीर और बुद्धि दोनों ही दृष्टि से असाधारण निकला। बमुश्किल वह सात दिन का रहा होगा जब सोनू ने मुझसे आकर अधीर होते हुए कहा, ‘बाबू, पड़ोस की आंटी जी हमको एक दे...

read more
गाथा गैरहाजिर मनुष्य की (पंजाबी) :गुरमीत कड़ियालवी, अनुवाद :राजेंद्र तिवारी

गाथा गैरहाजिर मनुष्य की (पंजाबी) :गुरमीत कड़ियालवी, अनुवाद :राजेंद्र तिवारी

    राजेंद्र तिवारी,वरिष्ठ लेखक और अनुवादक। संप्रति कृषि एवं स्वतंत्र लेखन। गुरमीत कड़ियालवीपंजाबी के चर्चित कथाकार।पांच कहानी संग्रह और एक उपन्यास सहित बाल साहित्य की कई पुस्तकें। बाल साहित्य के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित। संप्रति : जिला लोक...

read more
दर्प : प्रतिभा चौहान

दर्प : प्रतिभा चौहान

वरिष्ठ लेखिका। कविता संग्रह ‘जंगलों में पगडंडियाँ’, ‘पेड़ों पर हैं मछलियाँ’, ‘बारहखड़ी से बाहर’। संप्रति न्यायाधीश, बिहार न्यायिक सेवा।   सुबह के साढ़े छह बज रहे हैं। मौसम की ताजगी माहौल को खुशनुमा बना रही है। फूलों की डालियां ताजे खिले फूलों के वजन से झुकी जा रही...

read more
चलन : राजनारायण बोहरे

चलन : राजनारायण बोहरे

वरिष्ठ कथाकार। ‘इज्जत’, ‘गोस्टा तथा अन्य कहानियां’, ‘हादसा’, ‘मेरी प्रिय कथाएं’ और ‘हल्ला’ (कहानी संग्रह)।   तुलसा की निश्चिंतता खरे साहब को हैरानी में डाल रही थी।... और यह निश्चिंतता उन्हें ही क्या किसी को भी हैरान कर सकती थी। जब किसी की जवान बेटी एकाएक किसी के...

read more