कविता
गोलेंद्र पटेल

गोलेंद्र पटेल

    युवा कवि। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। चोकर की लिट्टी मेरे पुरखे जानवर के चाम छीलते थेमगर मैं घास छीलता हूँमैं दक्खिन टोले का आदमी हूँ मेरे सिर परचूल्हे की जलती हुई कंडी फेंकी गईमैंने यह सोचकर जलन बरदाश्त कर लीकि यह मेरे पाप का फल है(या...

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राजेश कुमार झा

राजेश कुमार झा

सुपरिचित कवि। अनुवाद, लेखन तथा संपादन का लंबा अनुभव। करीब एक दर्जन पुस्तकों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद। नया-पुराना किराए के घर हमेशा नए रहते हैंअपने घर देखते देखते पुराने हो जाते हैंफिर भी। मुलाकात पुराने दोस्त मिलेदिखी झुर्रियों की दस्तक, मोटापे की धमकगर्मजोशी...

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उड़िया कविता : पारमिता शतपथी, अनुवाद :रेखा सेठी

उड़िया कविता : पारमिता शतपथी, अनुवाद :रेखा सेठी

पारमिता शतपथी(जन्म :1965) ओड़िआ एवं अंग्रेज़ी की सशक्त कथाकार तथा कवयित्री। अब तक 18 पुस्तकें प्रकाशित। साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ अनेक पुरस्कारों से सम्मानित। रेखा सेठीसुपरिचित लेखिका, संपादक और अनुवादक। अद्यतन प्रकाशित पुस्तकों में - ‘स्त्री-कविता : पक्ष और...

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गीता प्रजापति

गीता प्रजापति

    युवा कवयित्री। सहायक प्राध्यापिका। नई तालीम मां के जमाने की चीजें खुरदुरी होती गईंजिस आंगन के पोर पोर मेंमां के हाथ गीली मिट्टी में छप जाते थेवहां चमकदार पत्थर जड़े गएजिस ओखली में कूटते हुए मांअपने जीवन का तमाम गुस्सा कूट देती थीवह अब धूल फांके चित हैजिस...

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आलोक शर्मा

आलोक शर्मा

    (जन्म-1936) कोलकाता महानगर के साठोत्तरी साहित्यिक गतिविधियों के एक महत्वपूर्ण साक्षी। वरिष्ठतम कवियों में एक। संवादहीन नाटक ‘चेहरों का जंगल’ से चर्चित। कई कविता पुस्तकें प्रकाशित। अंतिम युद्ध अपनी मौत के लिए जिंदा बने रहने सेकहीं बेहतर है जिंदा रहने के...

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उर्मिला शुक्ल

उर्मिला शुक्ल

    छत्तीसगढ़ी और हिंदी, दोनों भाषाओं में लेखन।  दो कविता संग्रह, तीन यात्रा संस्मरण, एक खंड काव्य और तीन समीक्षा की पुस्तकें। सगोतिया बस्तर की औरतें नहीं जानतींगाजा की बातनहीं मालूम उन्हें कहां है गाजा औरकैसे हैं वहां के लोगफिर भी जब कभी मिलेंगी वेेचीन्ह...

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राजेंद्र वर्मा

राजेंद्र वर्मा

    वरिष्ठ गीतकार और लेखक। विभिन्न विधाओं की तीन दर्जन पुस्तकें प्रकाशित। अपना काम किए हम तो रहे हाशिए पर लेकिनअपना काम किए मुखपृष्ठों पर वही रहेजो श्रेष्ठ प्रमाणित थेबांचा गया उन्हीं का लेखाजो संरक्षित थे हम तो रहे घूर पर लेकिनजलते हुए दिये वे तो जीते रहे...

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के. पी. अनमोल

के. पी. अनमोल

    युवा गजलकार। ‘इक उम्र मुकम्मल’, ‘कुछ निशान काग़ज़ पर’, ‘जी भर बतियाने के बाद’ एवं ‘जैसे बहुत क़रीब’ चार गजल संग्रह प्रकाशित। तकनीकी क्षेत्र में कार्यरत। गजल मौन ही साधे रही संसद, नहीं बतला सकीमुश्किलों, बरबादियों की हद नहीं बतला सकी रोशनी को साथ लेकर आ रही...

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पारमिता षड़ंगी

पारमिता षड़ंगी

    ओड़िया और हिंदी में एक जाना-पहचाना नाम। कई पुरस्कारों से सम्मानित। देश और विदेश की कई भाषाओं में रचनाएं अनूदित। यूं ही कविता लिखते लिखते मेरे घर की छत से गिरतीबारिश की बूंदेंकिसी के आंसू थेआसमान रो रहा था! शायद उस दिनछत बनाते वक्तमजदूर के शरीर का पसीना...

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धनंजय मल्लिक

धनंजय मल्लिक

    युवा कवि और शोधार्थी, उत्तर बंग विश्वविद्यालय। किताब में पाई गई मरी हुई चींटी किताब में पाई गईमरी हुई चींटीएक भी शब्द को ढोकरनहीं ले जा पाई अपनी बिल में जबकि उसे ले जाना थाऐसे तमाम शब्द हमारी भाषाओं सेजो हिंसा के पर्याय हैं। संवेदना और असंवेदना में उलझा...

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राहुल शिवाय

राहुल शिवाय

    युवा कवि। नया संग्रह ‘मौन भी अपराध है’ (नवगीत संग्रह)। संप्रति : उपनिदेशक कविता कोश। गजल सूरज के पांवों में मुझे छाला नहीं मिलाजुगनू से आसमां को उजाला नहीं मिला पत्थर में शिव की प्राप्ति उन्हें हो नहीं सकीजिनको कि आदमी में शिवाला नहीं मिला अब शक भरी...

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चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव

चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव

    सुपरिचित कवि। भारतीय लेखा परीक्षा विभाग में कार्यरत। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। मुट्ठी भर बीज मुट्ठी भर बीज से बनानी है मुझेहरी-भरी समूची पृथ्वीगिनो मत इन बीजों कोइनपर मत हँसोसिर्फ प्रदक्षिणा करोदे सको तो दो मुझेउस जमीन में से गज भर...

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सौरभ राय

सौरभ राय

    युवा कवि और पत्रकार। काल बैसाखी (कविता-संग्रह) प्रकाशित। ताकत सबसे ताकतवर कौनजब जानने घर से निकलातो इतना खोजना काफी थाकि किसका कलश सबसे ऊपर है सबसे ऊंची मीनार किसकी हैपहाड़ पर किसका कब्जा हैकौन कंपनी का मालिक सौवें माले पर हैजो जितना आकाश खाता हैउसका उतना...

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आदिवासी कविता : धन्या वेंगाचेरी,  अनुवाद : संतोष अलेक्स

आदिवासी कविता : धन्या वेंगाचेरी, अनुवाद : संतोष अलेक्स

1992- केरल की आदिवासी कवयित्री। मलयालम के अलावा आदिवासी भाषा मालिलन तुड में कविताएं लिखती हैं। एक कविता संग्रह प्रकाशित। ‘वसुमती कविता पुरस्कार’ से सम्मानित। कवि और अनुवादक। हिंदी में 40 किताबें प्रकाशित। कोचिन में मात्स्यिकी विभाग में संयुक्त निदेशक (राजभाषा) के पद...

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विनोद शलभ

विनोद शलभ

    वरिष्ठ गजलकार। दो गजल संग्रह, एक कविता संग्रह और अनुवादों का एक संग्रह प्रकाशित। अद्यतन गजल संग्रह ‘पत्ते चिनारों के’। गजल एकबला की ख़ूबसूरती से दिलों में आग लगती हैतुम्हारी जी हज़ूरी से दिलों में आग लगती है वतन तो है नहीं चौसर सियासत और धर्मों काये मुल्ला...

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पंजाबी कविताएं : सुरजीत पातर

पंजाबी कविताएं : सुरजीत पातर

    अनुवाद :तरसेमकथाकार और अनुवादक। हिंदी और पंजाबी में लेखन। अद्यतन कविता संग्रह ‘हाशिए पर एक कोना’। पंछी तो उड़ गए हैं पंछी तो उड़ गए हैंअब के पेड़ कर रहे हैं मशवरे :चलो चलें यहां से घर घर में पुत्र कहते हैं :छोड़ो बापू अब क्या रखा हैइस जमीन मेंबेच डालो चार पाड़कर के...

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देवेश पथसारिया

देवेश पथसारिया

  युवा कवि। कविता संकलन ‘नूह की नाव’ और ‘छोटी आंखों की पुतलियों में’। मैं न्यूयॉर्क के बारे में ज़्यादा नहीं जानता था मैं न्यूयॉर्क के बारे में ज़्यादा नहीं जानता थाकोर्स की किताबों के बाहरउस शहर के बारे में पढ़ा पहली बारग्यारह सितंबर की घटना के बादमेरे भीतर भी...

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यतीश कुमार

यतीश कुमार

    सुपरिचित कवि। प्रमुख कृतियां ‘अंतस की खुरचन’, ‘आविर्भाव’ और संस्मरणात्मक गद्य की एक पुस्तक। साहित्यिक संस्थाओं में विशेष रूप से सक्रिय। प्रेम में पेड़ 1.दो सांसों कोसाथ- साथ गिरते देखा है कभीअगर नहीं, तोगुलमोहर को गिरते देखोलगेगा ईश्वर भी प्रेम मेंफूल बन...

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लाल्टू

लाल्टू

    वरिष्ठ कवि, कथाकार। ताज़ा संग्रह : ‘अधूरी रहना कविता की नियति है’। क्या नीला रंग ठीक है? कोई पाखी, कोई गीतकार आएमुझे सुला जाएकोई कह जाए कि सब ठीक है!अपनी चोंच से मुझे दो बूँद उम्मीद के पिला जाएकोई नीले सपने दिखा जाएया कि बच्चों के बीच मुझे लिटा जाएक्या...

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फूलचंद मानव

फूलचंद मानव

    वरिष्ठ कवि और अनुवादक। हिंदी और पंजाबी में लेखन। अद्यतन कविता संग्रह ‘कमजोर, कठोर सपने’। आस की टहनी पर इंसान आस की टहनी पर लटका वह पत्ता हैजो नहीं जानताकि कल उसके साथ क्या होगा हरा हरहराया, धोया नहाया-साइतराता इठराता रहा हैलेकिन पर्यावरण क्या सलूक कर...

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