प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता

प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता
कविता आवृत्ति : विजय शर्मा. ए आई स्वरा ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतुसंयोजन-संपादन : उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद...
आवृत्ति : अनुपम श्रीवास्तवध्वन्यांकन : दिवाकर त्रिपाठीध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतुसंयोजन-संपादन : उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद...
आवृत्ति : अनुपम श्रीवास्तवध्वन्यांकन : दिवाकर त्रिपाठीध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतुसंयोजन-संपादन : उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद...
वाचन व ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु (लेखक, अनुवादक, स्वतंत्र पत्रकार)दृश्य संयोजन-संपादन : उपमा ऋचा (मल्टीमीडिया एडीटर वागर्थ) प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद...
कविता : अभी न होगा मेरा अंतकवि : सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (२१ फरवरी, १८९९ - १५ अक्टूबर, १९६१) कविता पाठ :विवेक सिंह (सहायक प्राध्यापक हिंदी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय)ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु (लेखक, अनुवादक, स्वतंत्र पत्रकार)दृश्य संयोजन : उपमा ऋचा...
कविता : तोड़ती पत्थरकवि : सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (२१ फरवरी, १८९९ - १५ अक्टूबर, १९६१)कविता पाठ :विवेक सिंह (सहायक प्राध्यापक हिंदी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय)ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु (लेखक, अनुवादक, स्वतंत्र पत्रकार)दृश्य संयोजन : उपमा ऋचा (मल्टीमीडिया एडीटर...
कविता : लिखते और लिखते रहनाकवि : सुनील गंगोपाध्याय ( कवि, इतिहासकार एवं उपन्यासकार)कविता पाठ : संध्या नवोदिता (कवि ,अनुवादक, लेखक और पत्रकार)ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु (लेखक, अनुवादक, स्वतंत्र पत्रकार)दृश्य संयोजन : उपमा ऋचा (मल्टीमीडिया एडीटर वागर्थ) प्रस्तुति :...
कविता : जे एन यू में हिंदीकवि : केदारनाथ सिंह (आलोचक एवं कवि)कविता पाठ : डॉ. पूनम पाठक 'चंद्रलेखा' (शिक्षण, लेखन एवं सामाजिक कार्य)ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु (लेखन एवं अनुवाद कार्य)दृश्य संयोजन : उपमा ऋचा (मल्टीमीडिया एडीटर वागर्थ) प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा...
रचना आवृत्ति : शुभ्रास्था ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतुदृश्य संयोजन-संपादन : उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद...
रचना आवृत्ति :डॉ विवेक सिंह ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतुदृश्य संयोजन-संपादन : उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद...
रचना आवृत्ति : ज्योति सक्सेनाध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतुदृश्य संयोजन-संपादन : उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद...
आवृत्ति : अनुपम श्रीवास्तव ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतुसंयोजन-संपादन : उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद...
रचना आवृत्ति : प्रियंका गुप्ताध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतुदृश्य संयोजन-संपादन : उपमा ऋचा प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद...
वैज्ञानिकों और यूएन एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि धरती पर सिर्फ 55 साल के लिए खेती लायक मिट्टी बची है। एक्सपर्ट्स ने विनाशकारी खाद्य संकट की चेतावनी दी है, जिससे दुनिया में भयावह गृहयुद्ध छिड़ सकता है। हमारे पास मिट्टी को बचाने के लिए बहुत कम समय बचा है, अगर हम कल...
दृश्य संयोजन-संपादन : उपमा ऋचाविशेष आभार : अनवर जमाल, राकेश पंडित, डॉ स्मृति बाघेलाप्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद...
कविता : बादल और लहरेंकवि : रवींद्रनाथ टैगोरअनुवाद : उपमा ऋचा कविता : मैं उठूंगीकवि : माया एंजलोअनुवाद : देवेश पथसरिया स्वर :तृषान्विता बनिक, प्रशिक्षु शिक्षिका सेंट जेवियर्स कॉलेज कोलकाताध्वन्यांकन ; अनुपमा ऋतु, लेखक-अनुवादक एवं संपादक अबे कलजुग! दृश्य संयोजन-संपादन :...
संविधान को जीवन का माध्यम मानने वाले भीमराव आंबेडकर युग परिवर्तनकारी व्यक्तित्व थे. एक सदी पहले की परिस्थितियों में भी वह एक ऐसे आत्मनिर्भर समाज का सपना देख रहे थे, जो जाति-धर्म की दीवारों से परे हो. वे जानते थे कि इस सपने का सच होना कठिन है, लेकिन उन्हें विश्वास था...
सच, आज स्त्री की दुनिया बहुत बदली है। आज उसके पास विचार भी है और विरोध का साहस भी। सिर्फ जैविक रूप से पुरुष न होने के कारण वो विकास के किसी स्तर से वंचित नहीं होना चाहती। वो सवाल पूछती है, “बराबर श्रम के बाद उसका वेतन सिर्फ इसलिए कम क्यों हो कि वो स्त्री है”? यहाँ तक...
हिंदी साहित्य के कालजयी रचनाकार नरेश मेहता के जन्मदिन के अवसर पर महाभारत पर आधारित ‘महाप्रस्थान’ के यात्रापर्व (अंश) का चित्रपाठ - आवृत्ति : अनुपम श्रीवास्तव एवं संध्या नवोदिता ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतुनृत्य प्रस्तुति : दामिनी विष्ट, सुप्रतिम तालुकदार एवं सुभाष...
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