साभार : महाकवि जयशंकर प्रसाद फाउण्डेशन

साभार : महाकवि जयशंकर प्रसाद फाउण्डेशन
जीवन एक अनंत राग है, यह राग जब किसी साज़ पर जा ठहरता है तो सुर सहेजे जाते हैं और यही राग जब किसी कवि के मन में उतरता है तो लिखी जाती है कविता! आइए वागर्थ की विशेष मल्टीमीडिया प्रस्तुति 'कविता चित्रपाठ' के क्रम में इस बार सुनते हैं एक ऐसे ही राग में ढली नागार्जुन की...
कविता मन से मन का संवाद है। माने एक मन, मुंह बनकर संदेश देता है और एक मन, कान बनकर उसे ग्रहण करता है। बस इतना ही; इससे ज़्यादा कुछ नहीं, लेकिन इससे कम भी कुछ नहीं! क्योंकि मेरे लिए कानों से ग्रहण किया गया, कविता का अनुभव आंखों से प्रेषित होता है। (इसलिए कवि के रूप में)...
गांधी जयंती के अवसर पर नमन उस महात्मा को, जिन्होंने हमें शब्द और सत्य के आग्रह का मार्ग दिखाया. रचना : सुमित्रानंदन पंतआवृत्ति : आशीष तिवारीदृश्य एवं ध्वनि संपादन : उपमा ऋचाप्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा परिषद कोलकाता....
कवि कभी नहीं मरता... केदारनाथ के लिए शृद्धांजलि शब्द : मल्लिका अमरशेखस्वर एवं ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु दृश्य संयोजन : उपमा ऋचा ...
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