(1939-2020) साठोत्तरी दौर के एक चर्चित कथाकार।  तीन कहानी-संग्रह और चार उपन्यास प्रकाशित। कुमाऊँ अंचल से संबद्ध होने के कारण पहाड़ी जीवन की संस्कृति और भाषा की समृद्ध झलक उनकी कहानियों में है। ‘पनचक्की’, ‘तुन महाराज’, ‘सीसकटी’, ‘गुनो लौट गई’ जैसी कहानियों के लिए विशेष...

read more