गंगा प्रसाद, कांचरापाड़ा-‘वागर्थ’ के जनवरी २०२३ के अंक में प्रकाशित हेरम्ब चतुर्वेदी का आलेख ‘गांधी की मृत्यु देखना चाहते थे औपनिवेशिक सत्ताधीश’ बहुत ही महत्वपूर्ण लगा।आलेख संग्रहणीय है। ‘आशावाद के जनकवि : ध्रुवदेव मिश्र पाषाण’ को पढ़कर उन दिनों में खो गया, जिन दिनों...

Recent Comments