शंभुनाथ साहित्य का जन्म असहमति से हुआ है।इसका प्रमाण है ‘रामायण’ में बहेलिया द्वारा मिथुनरत नर क्रौंच को मार गिराने के प्रतिवाद में वाल्मीकि के कंठ से फूटा पहला श्लोक, ‘मा निषाद प्रतिष्ठां त्वमगमः...’।यह भी गौर करने की चीज है कि कवि वाल्मीकि का अयोध्या के राजदरबार से...

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