एक बार सर्दी के दिनों में मैं ट्रेन से सफर कर रही थी।मेरे सामने वाले बर्थ पर एक बारह साल की बच्ची बैठी हुई थी। वह मुझे भयभीत नजरों से बार-बार निहारे जा रही थी।थोड़ी देर में ही वह नफरत भरे लहजे में कहने लगी- ‘कालो! भागो!’ मैं चकित थी।भला यह बच्ची मुझे देख कर इस तरह...

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