वरिष्ठ कवि।एक कविता संग्रह प्रकाशित।

पिछले दिनों

त्यौहार मनाने घर आया लड़का
सब कुछ अच्छा सुनना चाहता है
सब कुछ अच्छा कहना चाहता है

घर आया लड़का उत्साह से खोलता है
अपना बैग
निकालता है मां के लिए साड़ी
छोटी बहन के लिए हाथघड़ी
पिता के लिए धोती कुर्ता

खुशी-खुशी सुनाता है
नौकरी में अपनी कामयाबी के किस्से

घर आए लड़के को मां खिलाती है
उसकी पसंद के लड्डू
छोटी बहन दिखाती है स्कूल के वार्षिकोत्सव की
नृत्य प्रतियोगिता में द्वितीय आने का प्रमाण पत्र
पिता बहुत दिनों के बाद शाम को घूमने जाते हैं

घर आया लड़का नहीं बताता
वह बीमार पड़ा था बहुत
पिछले दिनों

घर आए लड़के को नहीं बताया जाता
मां ने अपनी अंतिम सोने की चूड़ी बेच दी
पिछले दिनों।

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