आवृत्ति : अनुपम श्रीवास्तव
ध्वन्यांकन : दिवाकर त्रिपाठी
ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु
संयोजन-संपादन : उपमा ऋचा
प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता
आवृत्ति : अनुपम श्रीवास्तव
ध्वन्यांकन : दिवाकर त्रिपाठी
ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु
संयोजन-संपादन : उपमा ऋचा
प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता
सशक्त रचना
सर्वेश्वर जी की काव्य प्रस्तुति ने उनसे हुई मुलाकात याद दिला दी। जब वे दिनमान में थे।