दो परिवार एक दूसरे के पड़ोस में रहते थे। एक परिवार हर वक्त लड़ता था, जबकि दूसरा परिवार शांति से रहता था। एक दिन, झगड़ालू परिवार की पत्नी ने शांत पड़ोसी परिवार से ईर्ष्या महसूस करते हुए अपने पति से कहा, ‘अपने पड़ोसी के वहाँ जाओ और देखो कि इतने अच्छे तरीके से रहने के लिए वे क्या करते हैं।’
पति वहाँ गया और छुपकर चुपचाप देखने लगा।
उसने देखा कि एक औरत फर्श पर पोछा लगा रही है। अचानक किचन से कुछ आवाज आने पर वह किचन में चली गई। तभी उसका पति एक कमरे की तरफ भागा। ध्यान नहीं रहने के कारण फर्श पर रखी बाल्टी से वह टकरा गया। और सारा पानी फर्श पर फैल गया। उसकी पत्नी किचन से वापिस आई और अपने पति से बोली, ‘आई एम सॉरी, डार्लिंग! यह मेरी गलती थी कि मैंने रास्ते से बाल्टी को नहीं हटाया।’
पति ने जवाब दिया, ‘नहीं डार्लिंग, आई एम सॉरी। क्योंकि मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया।’
झगड़ालू परिवार का पति यह सब देखकर घर लौट आया। उसकी पत्नी ने पड़ोसी की खुशहाली का राज पूछा।
पति ने जवाब दिया, ‘उनमें और हम में बस यही अंतर है कि हम हमेशा खुद सही होने की कोशिश करते हैं, दूसरे को गलती के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। जबकि वे हर चीज के लिए खुद जिम्मेदार बनते हैं और अपनी गलती मानने के लिए तैयार रहते हैं।’