अमेरिकी कवि और उपन्यासकार

1-एक बेनाम दर्द

मुझे अपनी क़िस्मत पर रश्क करना चाहिए:
क्या काफ़ी नहीं है एक बीबी और माँ होना
मेरे ख़ुश होने के लिए?
और इससे बड़ी और कौन-सी नेमत हो सकती है
एक रूह के सुकून के लिए ?
एक ख़ामोश घर और घरेलू कामकाज
हर दिन की शक्ल बना देते हैं, किसी बीते दिन जैसी

इन गुजरते दिनों में
मुझे केवल वक़्त का साया नज़र आता है।
बच्चों की आंखों में काजल आंजने के सिवा
मेरे पास दुनिया का और कोई काम नहीं

कोई नहीं आता मेरे क़रीब
अधूरी बात पूरी करवाने के लिए
यहां तक कि कोई भिखारी भी नहीं आता अपनी तकलीफ़ लेकर
मेरे पास न ताक़त है, न राहत
पर एक चोटिल रूह या टूटे दिल के साथ
मैं कर भी क्या सकती हूं?

तो क्या हुआ कि
मैंने पढ़ा था पुराने ज़माने के कवियों को
और सीखी थी कला भी,
पर कला मर जाती है उन औरतों के लिए
जो तमाम दिन अपनी भद्दी छातियों से
कलपती संतानों को दूध पिलाने के लिए
चिल्ल-पौं मचाए फिरती हैं,
हुंह कौन तरसता है
जचगी के उन ख़ास दिनों के लिए?
ओ पागल मन!
अगर अब भी तेरी कोई ख़्वाहिश है,
तो मुझे उसके लिए रोना चाहिए…

2- सुनो!

सुनो, क्या आज
तुम और मैं देख सकते हैं
वो सूरज, जो हमें हमारी शादी की सुबह की ओर ले जा रहा है
उस रोज़ जब हम बांधे गए थे, एक सूत में
उस रोज़ सर्दियों के आसमान में
कैसा प्रशस्त भाव लेकर उगा था दिन;
और आज…
सुनो क्या इन पन्द्रह सालों में वो रंग गायब हो सकते हैं,
जो दो आत्माओं के एक मंदिर तक पहुंचने वाले रास्तों की तरह बिछे हैं
मेरे-तुम्हारे बीच
सुनो क्या तुम पीछे मुड़ोगे?
और आदम जितने पुराने, हव्वा जितने मधुर
प्रेम के रहस्यमयी स्वप्न की खातिर,
एक बार फिर मुझे ले चलोगे,
उसी क्षितिज की ओर
जहां हममें से कोई भी नहीं पहुंचा?
चलोगे, उसी लक्ष्य को पाने के लिए
जो हममें से किसी को हासिल नहीं हुआ?
ऐसी लड़ाइयाँ लड़ना,
जो एक नुकसान के अलावा और कुछ साबित नहीं होतीं,
विजेता एक घायल से हार जाता है;
एक दूसरे को आत्म बलिदान की शिक्षा देते हुए,
दिया जाता है शादी के बंधन के लिए सच्चा बलिदान;
जन्म के सुख और मृत्यु के दुख को सीखना,
जीवन की सारी आशाओं को झकझोर कर रख देता है-
दिल टूट जाता है,
फिर भी हिम्मत के साथ आग्रह जारी रहते हैं,
क्योंकि नाम और क़िस्मत के लिए,
कलाकारों को दोनों की ज़रूरत पड़ती है?
या तुम जो कहोगे मैं मान लूंगी
क्योंकि अब हमें चुन लेना होगा
कि हमारे पास कितने रंग हैं और कितने धूसर हो गए।
सुनो जीवन के रेगिस्तान में खड़े होकर अपने डूबते सूरज को देखो
देखो ये मिस्र की रेत में धँसी उन मूर्तियों की तरह शांत है,
जो असीम धैर्य और शांति से हाथ जोड़कर
ऐसे भविष्य की प्रतीक्षा कर रही हैं, जिसका कोई अतीत न हो?

अनुवाद : उपमा ॠचा