वरिष्ठ कवि और लेखक। तीन कहानी संग्रह, तीन गजल संग्रह, व्यंग्य संग्रह और दोहा संग्रह प्रकाशित।
मरे हुए आदमी का मोबाइल नंबर
जब भी सामने आता है
मरे हुए आदमी का मोबाइल नंबर
रूह कांप जाती है
टीस उठती है भीतर
गला दबाने लगती है अवशता
मरे हुए आदमी के साथ
मर जाते हैं क्या उसके मोबाइल नंबर भी?
मरे हुए आदमी के साथ
मर जाती है थोड़ी-सी खुशी
थोड़ी-सी हँसी
उस जगह पर आकर बैठ जाता है
बेतकल्लुफ सन्नाटा
अचानक या असावधानी से लग भी जाए
मरे हुए आदमी का नंबर
वह आवाज उपस्थित नहीं होती
कॉल उठाने के लिए
दुनिया में कहीं भी
वह आवाज नहीं होती
मैं डिलीट करता हूँ
मरे हुए आदमी का मोबाइल नंबर
पर लाख कोशिशों के बावजूद
वह डिलीट नहीं होता
क्या पता लग ही जाए
मरे हुए आदमी का मोबाइल नंबर
और सुनाई दे वही चिर-परिचित आवाज!
सोया है सूरज
अभी सूरज सोया पड़ा है
अभी आसमान के गद्दे पर पड़े हैं
बादल के तकिये
अभी रात की थाली में
चमक रही है चांद की रोटी
अभी तारे बिखरे हैं
आसमान के फर्श पर
जैसे किसी बच्चे के
सो जाने पर
ढीली पड़ गई
मुट्ठी से फिसलकर
बिखर गए हों कंचे।
193 राधारमण कालोनी, मनावर, जिला-धार. म.प्र. – 454446 मो. 09893010439
बहुत सुंदर रचनाएं. हार्दिक बधाई.
बहुत सहज और भावपूर्ण कविताएँ