हिंदी साहित्य के कालजयी रचनाकार जयशंकर प्रसाद के जन्मदिन के अवसर पर वागर्थ की विशेष प्रस्तुति –
आवृत्ति : डॉ. विवेक सिंह
ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु
कविता : बीती विभावरी जाग री
गायन : अजय राय
नृत्य प्रस्तुति : डॉ स्मृति बाघेला
वीडियो संयोजन एवं संपादन : उपमा ऋचा
प्रस्तुति : वागर्थ भारतीय भाषा परिषद् कोलकाता
वह हँसी और यह आँसू,
घुलने दो मिल जाने दो
प्रसाद जी गम्भीर कर देते हैं, रुला देते हैं और फिर गुदगुदी कर देते हैं ।
अद्भुत एवं प्रिय कवि ।
अनुपम एवं आह्लादक संगीत, नृत्य तथा गायन।
वागर्थ परिवार को हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद
अनुपमा ऋतु जी नमस्कार मैं एक लेखक हूँ।मुझे आपसे किसी विषय पर बात करनी थी।सम्भव हो तो फोन करें 9716000302 नसीब सभ्रवाल “akki”
उत्तम प्रस्तुति ! ऐसी प्रस्तुतियों में ही परिषद की गरिमा है। आभार सर !
अति सुन्दर काव्य पाठ लगा जैसे ये प्रसाद जी की ही वाणी हो । सुन्दर प्रस्तुति। बहुत आभार इस सुन्दर अनुभव हेतु
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
आवृत्ति के लिए अपनी आवाज देनेके लिए किससे संपर्क करना होगा।कृपया बताएं।