अनुवाद, लेखन तथा संपादन का लंबा अनुभव। आकाशवाणी में निदेशक के पद पर।

जिया यू(जन्म : १९५६)
ताइवान के महत्वपूर्ण कवियों में एक।जिया यू कविताओं के अलावा गीतकार और नाटककार के रूप में भी जानी जाती हैं।पहला कविता संग्रह १९८० में प्रकाशित।प्रेम से संबंधित कविताओं को अपने खास अंदाज में प्रस्तुत करने के लिए वे विशेष रूप से सराही गईं।उनकी कविताओं में मुहावरे नए अर्थ से दीप्त हैं।

बंधी हुई कर रही हूं इंतजार

अपनी आत्मिक शक्ति का करते हुए इस्तेमाल
मोड़ डालो लोहे के टुकड़े को
घड़ी की सुइयों को उखाड़ फेंको
करते हुए अपनी आत्मिक शक्तियों का इस्तेमाल
मैं तुम्हें सूंघ सकती हूँ अपनी त्वचा के ऊपर
मैं कर रही हूँ अनुभव जो है ज्यादा
ज्यादा अनुभव कर रही हूँ अनुभव को
और बाकी चीजों के लिए
उकेरने दो मुझे हर्फ दर हर्फ चावल के दाने पर
और बाकी बची चीजों के लिए
उकेरने दो मुझे हर्फ दर हर्फ बाल के टुकड़े पर
और बाकी बची चीजों के लिए
मैं लेकर आई थी फिरौती जहां तय हुआ था मिलना
तयशुदा वक्त पर पहुंची थी मैं वहां

लेकिन अगवा करने वाले ने अपना चेहरा नहीं दिखाया
वह हमेशा ही हिचकिचाया रहा है
मुझे नहीं समझ में आती उसकी हिचकिचाहट
मैंने तो पुलिस कभी नहीं बुलाई
मुझे यह भी नहीं पता
किसको उसने बना रखा है बंधक
मुझे भी लुभा लिया है
बंधक बनाने के उसके शालीन तरीके ने
बंधकर इंतजार करने के सलीके ने।

भविष्यवाणी

मैं जब सौ साल की हो जाऊंगी
अपने अंधेरे- उदास कमरे में
पालथी मारकर बैठ जाऊंगी
लिखूंगी कमजोरी से भरा एक भावुक पत्र
‘इतनी दीन हूँ मैं
और बढ़ता जा रहा है मेरा वजन-
जैसे है कोई अनंत विरोधाभास।’
मैं जब सौ साल की हो जाऊंगी
दुनिया को अपनी गोद में बैठा लूंगी
ताकि कर सकें वे बिलकुल सधा हुआ शीर्षासन
वैसे जानती हूं, इससे हमारी आपसी समझदारी
कतई नहीं होगी बेहतर

मुझे याद रहेगा मेरा अंतिम संस्कार
जो तब पूरा होगा
जब मेरी उम्र होगी १०१ साल
एक नई सभ्यता की दहलीज पर होगी दुनिया
जिसकी दिशा होगी रूढ़िवादी
अविश्वास पर आधारित
किसी को बोलता हुआ सुनूंगी-
‘अब थोड़ी ज्यादा ईमानदार दिख रही है’
सपने होते हैं दो बिंदुओं के बीच की
सबसे छोटी दूरी
सपने होते हैं सचमुच बड़े होशियार, तेज-तर्रार

बुढ़ाते हुए अतियथार्थवादी की तरह
सो जाऊंगी हँसते हँसते
लेकिन वे इसे मृत्यु कहते हैं
दफन के वक्त मेरे कपड़े होंगे बहुत बड़े
और ताबूत बहुत छोटा
दफनाने के लिए जो जमीन देंगे वे मुझे
होंगी वहां बहुत सी चीटियां
वे सभी पुरुष जिन्हें मैंने कभी किया था प्यार
आएंगे यहां
कुछ के हाथ में होंगे छाते
कुछ बहा रहे होंगे आंसू।

राजेश कुमार झा /१७४, अयानगर, फेज, नई दिल्ली११००४७  मो.०९८१०२१६९४३/    ईमेल- kjrajesh@gmail.com