भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) ने भारत की आज़ादी के 75 साल होने की स्मृति में आज़ादी के संघर्ष और उन मूल्यों को याद करने के लिए एक सांस्कृतिक यात्रा ‘ढाई आखर प्रेम’ का आयोजन किया है।यह यात्रा 9 अप्रैल, 2022 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से प्रारंभ हुई थी।इस यात्रा में देश भर के रंगकर्मी, कलाकार, लेखक और संस्कृति कर्मी शामिल हो रहे हैं।यात्रा के दरम्यान वे लगातार ‘ढाई आखर प्रेम की’ थीम पर अपना काम कर रहे हैं।यह यात्रा बिहार और उत्तरप्रदेश से गुजरने के बाद 15 मई को मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगी।

ढाई आखर प्रेम की सांस्कृतिक यात्रा जमशेदपुर तथा कई शहरों गांवों से होते हुए प्रेम, सद्भाव, भाईचारा और शांति का संदेश दे रही है।इस यात्रा को हर जगह से लेखकों और संस्कृतिकर्मियों का प्रोत्साहन मिल रहा है।भीषण गर्मी और कई अन्य परेशानियों के बीच भी सफर जारी है।इस यात्रा में इप्टा के महासचिव राकेश (लखनऊ), सचिव  शैलेंद्र कुमार (डाल्टनगंज), राष्ट्रीय समिति के सदस्य और संगीतकार मणिमय मुखर्जी (भिलाई), राष्ट्रीय समिति के सदस्य निर्देशक राजेश श्रीवास्तव (भिलाई), नाचा गम्मत के निसार अली (रायपुर) ये सभी 60 की उम्र से पार जुनूनी शख्सियतें हैं।ये समाज को एकजुटता का संदेश देने के लिए यात्रा कर रहे हैं।इनके साथ शामिल हैं जे एन यू-इप्टा के साथी वर्षा, विनोद कोष्ठी, अशोकनगर से स्केच आर्टिस्ट कुश और पूरी यात्रा की रिपोर्टिंग कर रहे साथी मृगेंद्र।ये इस यात्रा में महाभारत के संजय का किरदार निभा रहे हैं।इनके अलावा अन्य भी कई लेखक-कलाकार बंधु हैं।

समाज को बराबरी और कबीर के सूत्र वाक्य को समाज में ऑक्सीजन की तरह प्रसारित करने को प्रतिबद्ध है यह यात्रा।इस यात्रा की खूबसूरती यह भी है कि इन मूल्यों को जीने वाले लोग, संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता और इंसानियत के मूल्यों को जीने वाले अनगिनत लोगों के सहयोग से यह यात्रा अपना रास्ता तय कर रही है।ऐसी ही सांस्कृतिक यात्राओं की निरंतरता जरूरी है।

प्रस्तुति :हरिओम राजोरिया