चंद्रशेखर साकल्ले
हाईवे के देवदूत (कहानी संग्रह)
आईसेक्ट पब्लिकेशन, भोपाल, मूल्य : ३०० रुपये
ये कहानियां लेखक के देखे हुए यथार्थ की हैं।यथार्थ के बिंदु से आरंभ होकर कल्पना की भूमि पर आगे बढ़ती हुई कहानियां बचपन की छूट चुकी दुनिया की स्मृतियों से समृद्ध हैं।साथ ही समय और समाज की जटिलताओं को परिभाषित करती हुईं।

चित्रा सिंह
धूप के नन्हे पांव (कविता संग्रह)
प्रज्ञा भारती प्रकाशन, दिल्ली, मूल्य : ३५० रुपये
इस संग्रह की कविताओं में गिरना, उठना, संभलना, उड़ना सब शामिल है, जिसे कवयित्री जीवन का जरूरी हिस्सा मानती हैं।कविता की उड़ान को परिपक्वता के आकाश में और अधिक विस्तार दिया गया है।कविता की इस यात्रा को जमीन से उठाकर न केवल खड़ा किया गया है, बल्कि एक लंबी छलांग के साथ अपने लिए यह एक भावनात्मक वितान भी है।

वी.एन.सिंह
शहर में तन्हा हूँ (कविता संग्रह)
विकास प्रकाशन, कानपुर, मूल्य : ४०० रुपये
इस संग्रह की कविताओं में महानगरीय जीवन का संघर्ष है।पथरीले शहर में खत्म होती मानवीयता है, अमीरी और गरीबी की खाई है, चीखती सड़कें हैं, जख्मी होते लोग हैं, तार-तार होते संबंध हैं।ये कविताएं आम जिंदगी की कथा कहती हैं।

सुजाता
क्या कहूँ जो अब तक नहीं कही (उपन्यास)
वाणी प्रकाशन, दिल्ली, मूल्य : ४२५ रुपये
स्त्रियों के संघर्ष की गाथा वैसे बहुत पुरानी है, पर उपन्यास की नायिका के संघर्ष में जीवंतता है।नायिका अपने जीवन में लाख दुखों के बावजूद समाज के हर प्रहार को झेलते हुए अपनी जिजीविषा को मरने नहीं देती।

शिरीष खरे
नदी सिंदूरी (कहानी संग्रह)
राजपाल, दिल्ली, मूल्य : २८५ रुपये
उपन्यास में मध्य भारत की नदी सिंदूरी के आस-पास की दुनिया है।यह मशीनों से दूर एक ऐसी तासीर लिए हुए है, जिसमें जीवंतता है और विशिष्टता है।गोंड आदिवासी बहुल गांव है मदनपुर जहां की यह कथा है।इसमें इस अंचल के जीवन संघर्ष और प्रेम की कथाएं हैं।