नई कविता में इतिहास बोध (आलोचना) और एक कविता संग्रह। संप्रति बैंककर्मी।
राजा की बातें
राजा हमेशा नि:शस्त्र रहता है
लेकिन उसके आगे-पीछे चलने वाली
फौज के पास
बड़े-बड़े खतरनाक हथियार होते हैं
खौफनाक इरादे और
कठोर कलेजे वाले सैनिकों के पास
आम आदमी फटकता भी नहीं
फिर लेखकों…विचारकों
और कवियों की क्या बिसात!
राजा को विचारकों से बहुत नफरत है
उसे कविता से घिन आती है
और संगीत उसे विद्रूप लगता है
उसे परिहास पसंद है
अपने दरबारियों का परिहास
अपनेे इर्द-गिर्द बिखरे विदूषकों का
हँसी-ठट्ठा उसे भाता है
वह किसी औरत की फरियाद पर
बिफर उठता है
किसी नए-नवेले अल्हड़ लड़के की
गर्म-गर्म बातें सुनकर
उसकी आंखें लाल हो उठती हैं
उसका खून खौलने लगता है
किसी वृद्ध की सलाह सुनकर
राजा की ऊंची आवाज में की गई
किसी के हक़ की बातें सुनना सख़्त नापसंद है
वह जीवन की अनसुलझी गुत्थियाँ
सुलझाने में माहिर है
लेकिन वह भूख, प्यास, अकाल, बाढ़-सुखाड़
हत्या, अपहरण, लूट-पाट, खून-खराबे में
उलझना नहीं चाहता!
वृद्धों की चीख-पुकार
बच्चों की सिसकियां
विधवाओं के करुण रुदन को सुनकर
एक पल को ठिठक-सा जाता है राजा!
लेकिन उसे युगप्रवर्तक बनना है
उसे महापुरुष बनना है
इतिहास और भूगोल को
अपने चरणों के पावन स्पर्श से
बदल देने की कुव्वत एकत्र करनी है!
इसलिए वह झटके में
इन बाधाओं को विस्मृत कर आगे बढ़ जाता है
समय की धारा से एकाकार होने के लिए!
राजा अपने स्वर्णजड़ित राजसिंहासन की
स्मृतियों में खो जाता है!
राजा चतुर सुजान है
राजा अपनी विरासत सौंपने के लिए
अपने कुल का दीप चाहता है
वह मन्नतें मांगता है
वह धार्मिक यज्ञों और अनुष्ठानों में
खोया-खोया रहता है!
वह तीथों की यात्रा करता है
वह भिखमंगों की फौज़ को देख आर्द्र हो उठता है
वह अन्नदान और वस्त्रदान की
राजकीय घोषणाएं करता है
वह दानवीर जो है!
उसकी उदारता की कहानियां
उसके दरबारी चटखारे ले-लेकर
फिज़ाओं में बिखेरते रहते हैं!
राजा हमेशा जीवन मूल्यों
और विराटता को आख्यायित करने वाले
गहन-गंभीर दर्शन की बातें करता है
वह सबको रहने-बोलने का सलीका सिखाता है
वह अपने विशाल अनुभव की
लंबी-लंबी कहानियां सुनाता है
उसकी अटपटी बातें जन-जन को
सम्मोहित कर लेती हैं
वह सपनों का सौदागर है!
वह बातों का जादूगर है!
उसकी बातों पर जनता तालियां पीटती है
उसके दीर्घ जीवन की कामना के नारे लगाती है
उसके लिए नए-नए नारे ईज़ाद किए जाते हैं
उसके लिए अनेकानेक पदवियां
और उपमान गढ़े जाते हैं
तालियाँ, नारे, नए बिंब, नई पदवियों से
राजा का दिल मचल उठता है
क्योंकि ऐसी ही कलाबाजियां
ऐसी ही बाज़ीगरी राजा को पसंद है!
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