चचा चूड़ियां बेचकर आ रहे थे तो मैंने उन्हें रोक लिया।

-कहां से आ रहे चचा?

-मंगलपुरवा से आय रये बेटा।चचा ने अपनी दाढ़ी खुजाते हुए साइकिल खड़ी कर दी।

-अरे चचा ऊ तो हिंदुओं का गांव है, वहां जाते डर नहीं लगा?

-काहे का डर बच्चा, पीढ़ियां निकल गईं यही करते करते।चूड़ियां बेचते हैं।हिंदू तो चूड़ियां बेचता नहीं, पर पहनते तो हिंदू ही हैं।उनका साज सिंगार भी हो जाता है और अपना धंधा भी!

-पर चचा टीवी में तो क्या-क्या दिखा रहे हैं!

चचा मुस्कराते हुए बोले- लाइट तो अपने गांव में भी लागै वाली है बेटा।फिर यहां भी टीवी लग जाएगी, तब डर लेंगे।अबहिन तो धंधा-पानी कर लेन दो!

ग्राम : जलालपुर, पोस्ट : कुरसहा, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश271821 मो. 8118995166