नेटिव अमरीकन नस्ल ‘किओबा’ मूल के उपन्यासकार, लघुकथा लेखक और कवि। नेटिव अमरीकन रिनेंसा की पहली महत्वपूर्ण कृति ‘हाउस मेड ऑफ डान’ लिखने के लिए 1969 में पुलित्ज़र प्राइज़ से सम्मानित।
इन दिनों हम घरों के अंदर रहते हैं
जब बाहर निकलने का जोखिम उठाते हैं
तो पूरी तरह चौकन्ना होकर
हमारे पड़ोसी मुस्कराते हैं
लेकिन उनकी आंखों में एक
अनदेखा करने का भाव होता है
और थोड़ा शक, थोड़ी आशंका
एक मौन लयात्मकता के साथ
वे दूरियों की अपनी लकीर थामे रखते हैं
और हम अपनी…
हमारे डर का एक बड़ा हिस्सा अनकहा है
क्योंकि आखिर में हमारे कंधों पर
केवल परंपराओं का भार बाकी रह जाएगा
और बार-बार दुहराई जा रही सांत्वनाओं की गर्मी
हम लगातार अपने अंत के बारे में सोचते हैं
और मौत से दूरी नापते हैं
सुना है मौत भी मास्क पहनती है इन दिनों
लेकिन भरोसा रखना
अगर हम तलाश सकें तो
इस अभागे वक्त में भी
कुछ अच्छाई है
वह हमारे डर के अंधेरों में छिपी है
लेकिन उसे खोजो और देखो
यही उम्मीद है
और संभावना भी
हमारे पास अपने अस्तित्व को कायम रखने
मौत से जीतने और
संसार को फिर से रचने का
यही एकमात्र दुर्लभ अवसर है
हम जो थे, उससे बेहतर हो सकते हैं
हम मानवता दिखाकर
मानवमात्र की दशा बदल सकते हैं
हम नैतिकता और अच्छाई के लिए
संघर्ष करने के बजाय
उसे अपने भीतर जगह दे सकते हैं
हां हम कल्पना को सत्य कर सकते हैं
हम महामारी, युद्ध, गरीबी से बाहर आ सकते हैं
हम अपने उदात्त लक्ष्यों को बचा सकते हैं
तय कर सकते हैं कि हम कौन हैं
और क्या हो सकते हैं?
हम इस लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं
अपने लिए और उनके लिए, जो हमारे बाद आएंगे
आगे एक बेहतर भविष्य है
और हम उसे सुरक्षित कर सकते हैं
तो चलो चुनौती को स्वीकार करें
और खुद को
एक बेहतर भविष्य के अनुकूल बनाएं…!