वरिष्ठ कवि।पांच कविता संग्रह और एक कहानी संग्रह प्रकाशित।
युद्ध और तितलियां
युद्ध शुरू होते ही
कहां गई होंगी तितलियां
किसे पता
पर ध्वस्त हुए शहर में
एक बूढ़ी औरत
यह सोचकर साफ कर रही
अपने घर का बगीचा
कि खिलेंगे फूल तो फिर से फूलों पर
दिखाई देंगी मंडराती हुई तितलियां
ओ युद्ध के नायको!
हताहत हुए लोगों की संख्या से
तुम्हें रखा जाएगा याद
पर जो भुला दिए जाएंगे
फूल उगाने वाले वही होंगे।
ईश्वर के यहां कोई डाकघर नहीं
न दीन दुखियों की पीड़ा हरते हो
न सजा देते हो जालिमों को
न नेताओं की नैतिकता पर गुस्सा होते हो
ओ ईश्वर
तुम कहां हो
कहीं अपने ही रचे इस संसार से
ऊब तो नहीं गए हो
या आनंद की शय्या पर लेटे हुए
भूल तो नहीं गए इस जगत को
ओ ईश्वर!
एक बात पूछूं
हमारी प्रार्थनाएं
हमारी व्यथाएं
किस डाक से पहुंचती होंगी आप तक
हमारे गांव का डाकिया कहा करता था
ईश्वर के यहां कोई डाकघर नहीं
वहां केवल शून्य का पारावार है
जिसका कोई पिनकोड नहीं!
पिता को याद करते हुए
पिता!
तुम मेरी अस्थियों का नमक हो
तुम्हारे बारे में सोचते हुए
क्यों यह लगता है
तुम्हारे पास इतिहास का बल था
और मेरे पास इतिहास की व्यथा है
बचपन में
कितना अच्छा लगता था सुनना
तुम जो कथाएं सुनाया करते थे
आज भी सुनाओ न कोई कथा
लो, मैंने टीवी बंद कर दिया
हां, वही कथा
जिसमें एक गरीब लकड़हारा
राजकुमारी का दिल जीत लेता है
और प्यार में तन्मय होकर
फेंक देता है कुएँ में अपनी कुल्हाड़ी
लेकिन एक दिन राजा के सैनिक
उसे मार क्यों देते हैं
मैं जब पूछता तो तुम सिर्फ इतना कहते
अपने सवालों के जवाब स्वयं तलाशना सीखो
पिता!
मुझे क्षमा करना
मैं उम्र भर
टालता रहा हूं सवालों के जवाब तलाशना
कभी-कभी
मां कहती रहती
पिता की तरह बनो
निडर और साहसी
मैं प्रत्युत्तर में
बस यही दोहराता रहता
मां! पिता के पास सिर्फ हौसला था
मेरे पास हैसियत है
उसे कैसे गवां दूं!
छोटी-छोटी इच्छाएं
कितनी छोटी-छोटी हैं मेरी इच्छाएं
ठंड में एक टुकड़ा धूप
गर्मियों में वृक्ष भर छाया
वसंत में खिड़की भर फूल
पतझर में पेड़ जितना हौसला
कितनी छोटी-छोटी हैं मेरी इच्छाएं
कुछ दुर्गम यात्राएं
नए लोगों से मुलाकातें
थोड़ा-सा सर्जनात्मक एकांत
कभी-कभी छत पर चांद से गप्पें
कभी यह सोचना
कि अनंत तारों में एक तारा मेरा भी है
कितनी छोटी-छोटी हैं मेरी इच्छाएं
आत्ममुग्ध कवियों से
बड़बोले नेताओं से
लोभियों और ढोंगियों से
घृणा फैलाती विचारधाराओं से
तौबा तौबा
मेरी इच्छाएं
मेरी सांसें हैं
समय के देवता को संबोधित
मेरी ॠचाएं हैं।
संपर्क : ११३ए/४ आनंदनगर, बोडी, तालाब तिल्लो, जम्मूतवी–१८०००२, मो.९४१९०२०१९०