(1952-) अरिजोना के अमेरिकी आदिवासी कवि, कथा और संस्मरण लेखक। भाषा में जादुई यथार्थवाद के चितेरे। उनके कई कविता संग्रहों में ‘नॉट गो अवे इज माई नेम’, ‘द डेंजरस शर्ट’, ‘द थिएटर ऑफ नाइट’, ‘फाइव इंडिस्क्रिशंस’ आदि शामिल।
वरिष्ठ कवि और अनुवादक। कविता संग्रह : ‘हजार हाथ’। बांग्ला और अंग्रेजी से कई रचनाओं का अनुवाद।
हम आदिवासी हैं
हम धरती में बीज बोते हैं
और आकाश में सपने
इस उम्मीद में कि किसी दिन एक की जड़ें
दूसरे की फैली शाख़ों से करेंगी गलबहियां
ऐसा अभी तक हुआ नहीं है
आकाश हमारा साझा है
हम सबका, पूरे विश्व का :
साथ ही हम ऐसी दृष्टि वाले कबीला हैं
जो हमेशा ऊपर आसमान की ओर देखता है
चाहे हमारे पैरों तले की धरती
जितनी भी अनिश्चित हो
हमारे पैरों के नीचे पृथ्वी घूमती है
शांत और कभी अशांत
इसकी चहारदीवारी बदलती रहती है और
मांसपेशियां फड़कती रहती हैं
जबकि आकाश के स्वप्न अभिन्न हैं
सीमाओं, झाड़ियों और शर्तों के परे
आकाश हमारा साझा घर है
वह जगह जहां हम सब रहते हैं
यहां हम सब साथ हैं
आकाश के स्वप्न के लिए
किसी पारपत्र की जरूरत नहीं है
नीलिमा को बाड़ से घेरने की जरूरत नहीं है
नीलिमा अपराध नहीं है
ऊपर देखो… जरा ठहरो
अपनी सांसें धीमी होने दो।
जानो कि तुम्हारा एक घर यहां हमेशा है।
संपर्क :मंजु श्रीवास्तव, सी–11.3, एनबीसीसी विबज्योर टावर्स, न्यू टाउन, कोलकाता–700156 मो.9674986495