ऑफिस से लौटकर और हाथ-मुंह धोकर जैसे ही नरेन चाय पीने बैठा, उसने देखा कि पास ही तीन साल की बिटिया शिवन्या खिलौने से खेलने में व्यस्त है। हमेशा की तरह उसने रिमोट पर अपना हक जमाया हुआ है।
नरेन के टीवी का रिमोट मांगने पर नन्ही शिवन्या ने कहा, ‘पापा, पहले मेरे गुड्डे को सॉरी बोलो। कल आपने उसे बेड से नीचे गिराया था।’ नरेन बेटी के कोमल मनोभाव और निर्जीव खिलौने के प्रति संवेदनशीलता देखकर दंग रह गया। वह मुस्कुरा दिया। उसने नाटकीय ढंग से प्लास्टिक के खिलौने (गुड्डे) को सॉरी कहा तो शिवन्या ने झट से रिमोट दे दिया, जब टीवी पर कार्टून चल रहा था।
नरेन याद करने लगा कि उसने कब गुड्डे को बेड से गिराया था!
द्वारा- एसजेवीएन कॉलोनी दत्तनगर, पोस्ट ऑफिस – दत्तनगर, तहसील – रामपुर बुशहर, जिला – शिमला, (हिमाचल प्रदेश) –172001 मो. 9418036526
बच्चों में भी संवेदनाएं होती है