सुबह-सुबह  ठेकेदार को अचानक अपने दरवाजे पर आया देख सुखदेव आश्चर्यचकित रह गया। चरण स्पर्श करते हुए बोला- ‘आइए मालिक! आपके चरण इस घर में पड़ गए, मेरा घर धन्य हो गया। कैसे आना हुआ आपका?’

‘सुखदेव! मेरे नए निर्माण स्थल पर तुम दोनों पति-पत्नी मात्र एक दिन ही काम पर आए, क्या कारण है? हर बार तुम मेरे नए काम प्रारंभ होने का इंतजार करते रहते थे। इस बार क्या हो गया? क्या मेरे व्यवहार में कोई कमी थी या पैसे कम पड़ रहे थे जो तुम दूसरी जगह काम पर चले गए?’

‘मालिक! ऐसी कोई बात नहीं है। आपसे अच्छा ठेकेदार कोई हो ही नहीं सकता। आपने पैसों के साथ प्यार और सम्मान भी दिया है।’

‘वैसे मेरे यहां मजदूरों की कमी नहीं है। फिर भी मैं जानना चाह रहा था, तुम दूसरी जगह क्यों चले गए?’

‘मालिक! बात दरअसल यह है, हमारी गुड़िया अभी तीन महीने की है। जहां आपका निर्माण कार्य शुरू हुआ है, वहां आसपास बच्चे को सुलाने के लिए झूला बांधने के लिए एक भी पेड़ नहीं है। दूसरी जगह जहां काम कर रहे हैं, वहां पैसे आपसे कम मिल रहे हैं, किंतु आसपास बहुत पेड़ हैं!’