गजलें : ज्ञान प्रकाश विवेक

गजलें : ज्ञान प्रकाश विवेक

      गजल लेखन में सक्रिय। गजल, उपन्यास, कहानी, आलोचना आदि की तीस पुस्तकें प्रकाशित। अद्यतन गजल संग्रह ‘घाट हजारों इस दरिया के’। 1.बदन की खोलकर पुस्तक बिखर जाने को जी चाहेबहुत जिंदा रहे, थोड़ा-सा मर जाने को जी चाहेमुसाफिर हूँ मैं ऐसा सरफिरा मेरी न पूछो...
अध्यापक जी : ज्ञानप्रकाश विवेक

अध्यापक जी : ज्ञानप्रकाश विवेक

गजल लेखन में सक्रिय। गजल, उपन्यास, कहानी, आलोचना आदि की तीस पुस्तकें प्रकाशित। अद्यतन गजल संग्रह ‘घाट हजारों इस दरिया के’। वो किसी प्राइवेट स्कूल से रिटायर हुए अध्यापक थे। उम्र साठ-बासठ, लेकिन तंगदस्ती और तंगहाली ने उन्हें ज्यादा बूढ़ा बना दिया था। उनके दोनों कंधे थोड़ा...