विश्वनाथ किशन भालेराव:‘वागर्थ’ बहुत ही महत्वपूर्ण पत्रिका है।पढ़ने के बाद वैचारिक क्षमता का निर्माण होता है।ज्ञानवर्धक जानकारी है।कवयित्री चित्रा पंवार की कविताएं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बहुत ही मार्मिक और जीवन के प्रति सचेत होने के संबंध में लिखी गई हैं।

विष्णु सरवडे:‘वागर्थ’ के अगस्त २०२२ में प्रकाशित दिनेश पाठक की कहानी ‘वे दो’ में चित्रित वातावरण सब के साथ देखने में आता है।मुझे लगा, यह तो मैं ही हूँ, क्योंकि बिलकुल यही तो कोरोना काल में मैं करता था।

रामकुमार भाम्भू, सूरतगढ़: अगस्त अंक में मनीष वैद्य की ‘हांका’ (अगस्त २०२२ अंक) कहानी प्रतीकात्मक है।इसमें पुराने और वर्तमान युग के साथ ग्रामीण जीवन की छवि और उनकी मानसिकता के चित्रण के माध्यम से सरकारी कार्यशैली और आमजन में छवि पर करारी चोट है।अच्छे रूपक के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।

कपिलदेव शास्त्री: मनीष वैद्य की ‘हांका’ बहुत बढ़िया कहानी है।सांड को प्रतीक बनाकर विकसित देशों द्वारा तीसरी दुनिया के देशों को मजबूर करके अपना व्यापारिक आधिपत्य जमा लेना और आर्थिक शोषण करना जैसी नीतियों पर बेहद समसामयिक कटाक्ष करती बेहतरीन कहानी।अंत में स्थानीय लोगों का विदेशों से मोहभंग और एक क्रांतिकारी कदम उठाना कहानी का अच्छा समापन बिंदु है।

अरुण यादव: अगस्त २०२२ अंक में श्रीप्रकाश शुक्ल की कविताएं अति महत्वपूर्ण हैं, चाहे वह रचना कौशल के हिसाब से देखें या फिर भावबोध के हिसाब से।इनकी कविताओं में मौलिकता फेंटेसी से परे, उच्च तार्किक होती है।

अजय गौतम:‘वागर्थ’ अगस्त २०२२ अंक में प्रकाशित समकालीन कविता की सशक्त हस्ताक्षर अर्चना सिंह की कविताएं सोचने के लिए विवश करती हैं।

मुन्ना कुमार सिंह: अगस्त अंक में श्वेतांक कुमार सिंह की कविता अच्छी लगी।इन्हें पढ़ने का सुख प्राप्त करता रहता हूँ।आशीर्वाद सहित शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ इस अद्भुत रचनाकार को।

शाम लाल मेहता:‘वागर्थ’ के अगस्त अंक में शेखर जोशी का ‘प्रकृति वैभव उर्फ श्रीपर्णा’ सुंदर, सरस, काव्यमय भाषा में लिखा ललित निबंध! अभिव्यक्ति का वैभव देखते ही बनता है।

चित्रा पंवार: अगस्त अंक में समीक्षा संवाद के अंतर्गत बाकी बचे कुछ लोग पर अनिल करमेले से बातचीत पढ़ना सुखद रहा।साथ ही कुमार अंबुज  से हुई बातचीत भी रोचक लगी।दोनों प्रिय लेखकों को बधाई।

 भूल सुधार

‘वागर्थ’ के अगस्त-२०२२ अंक के मुद्रित संस्करण में दूसरे कवर पर तार सप्तक के कवि भारत भूषण अग्रवाल की जगह गलती से किसी दूसरे व्यक्ति की तस्वीर छप गई है।इस गलती के लिए हम क्षमा चाहते हैं।