कवि, चित्रकार, वास्तुकार। हिंदी–अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लेखन। हिंदी में 13 काव्य–संग्रह और एक यात्रावृत्त।
लेखक की मृत्यु
प्रार्थना के लिए उठे हाथ
गिर गए
आशा की रश्मि
अंधकार की गहरी घाटी में समा गई
बस यहीं तक जाना था डाक्टर ने कहा
उधार की सांसों से
देह दूर तक नहीं चलती
हटा लो वेंटीलेटर
यहां अब केवल मिट्टी है
समेटकर ले जाओ
उस घर में
जहां सत्तर साल
मिट्टी हिलती-डुलती रही थी
चला गया
जबकि उसे जाना नहीं था
अभी उतरता हुआ बसंत देखना था
नाती-पोतों संग हँसना-बोलना था
इस नाज़ुक समय में
अकस्मात उसके बोल मौन हो गए
मकान में पसरी
उसकी पुस्तकों की पीड़ा
पन्नों से निकल बाहर आ रही है
अनिश्चित भविष्य की आशंका से
थरथरा रही हैं किताबें रह रह कर
उसकी कहानियों की आंखों में आंसू
उसकी कविताओं का मौन रुदन जारी
उसकी यात्रा-कथाएं थक कर बैठ गईं
वह हर बंधन से मुक्त
हर पीड़ा से मुक्त
भूख और प्यास से मुक्त
चल दिया मरघट की दिशा में
अपने मौन में बोलता हुआ
मैं गया नहीं कि लौट न सकूं
जब तब आता रहूंगा तुम्हारी यादों में।
संपर्क :डी के 2 – 166/18, दानिशकुंज, कोलार रोड, भोपाल– 462042 मो.8989569036
” ‘लेखक की मृत्यु’ कविता मानवीय संवेदना और स्मृति बोध के अंतर्निहित रिक्त हुए दुःख से उपजे करूणा की कविता है”।
यह कविता मुझे बहुत अच्छी लगी