सामाजिक कार्यों से जुड़ी कवयित्री। एक कविता संग्रह ‘हिमालय की कंदराओं में’ प्रकाशित।

कविताओं में शब्द

उसकी कविताओं में बहती नदी पढ़ कर
मैं दौड़ पड़ी थी उसकी तरफ
लेकिन वहां पानी नहीं था

नदी समुद्र झरने पर
बेहतरीन कविताएं लिखने वाले कवि की
मेरे सामने प्यास से तड़पते हुए मृत्यु हो गई

मेरी आंखों से आंसुओं की कुछ बूंदें
उसके होठों पर टपक गईं
होंठ कांपे वह कुछ बुदबुदाया
और धीरे-धीरे उसकी सांसें चलने लगीं
उसकी कविताओं में उत्कट प्रेम की प्रबलता थी
मैं लपक कर उसके करीब पहुंची

लेकिन प्रेम कविताओं के कवि के जीवन में
प्रेम के अतिरिक्त सब कुछ मौजूद था
मैंने उसके सब कुछ को उलट पलट कर देखा

और
उसके साथ एक सुबह भटियार के प्रकाश में
एक दोपहर मेघ मल्हार में
एक शाम संधि प्रकाश के स्वर संसार कलिंगड़ा
और एक रात मालकौंस के गांभीर्य में व्यतीत किया

उसके बाद से अभी तक
वह एक भी कविता नहीं लिख सका
अब वह
शब्दों के भीतर सुरंगों में गुम है।

संपर्क : साई निलयम, प्लॉट 52, शक्ति भवन रोड रामपुर, नेशनल कॉलोनी, जबलपुर-482008 मध्य प्रदेश मो.7000053236