कविता संग्रह ‘वक्त मैं तुम्हारा हूँ’। राजस्थान में हिंदी व्याख्याता। नुक्कड़ नाटकों से विशेष जुड़ाव।
1-चिड़िया
बाजरे के सिट्टे से
प्रेम करती है चिड़िया!
उसे बचाने के लिए
कौवों से भी लड़ मरती है चिड़िया!
पहले उसे
लड़ना नहीं आता था
जब से प्रेम हुआ है सिट्टे से
लड़ना भी सीख गई है चिड़िया!
2-तेरे सिवा
मैंने
आकाश की स्क्रीन को
उंगुली से टच किया
बहुत से एप्प खुल गए!
कहीं झिलमिलाते तारे थे
कहीं चांद की तिरछी मुस्कान थी
कहीं तीतर पंखी बादल
कहीं उड़ते जहाज़
कहीं बगुलों की लहराती श्वेत ध्वजाएं
कहीं कुरजों के कुराते झुंड
सब कुछ था वहाँ
इक तेरे सिवा!
मैंने खूब सर्च किया
तुम कहीं नहीं थी
मेरे लिए एंड्रॉयड फोन बेकार था!
3-खतरे
कहीं से कोई चिल्लाया
हिंदू खतरे में है
मैंने मान लिया
क्योंकि मैं हिंदू था
कहीं से कोई चिल्लाया
इस्लाम ख़तरे में है
मैंने मान लिया
क्योंकि मैं मुसलमान था
इसी तरह यहाँ- वहाँ
कोई न कोई चिल्लाता रहा
और मैं हर बार
खुद को खतरे में पाता रहा
एक दिन बाहर की सारी आवाज़ें
बंद हो गईं
केवल भीतर से आवाजें आईं
सुनो, आदमी खतरे में है
उस दिन हम सब मिलकर
खूब चिल्लाते रहे
मगर हमारे साथ कोई नहीं था
उस दिन हम सब खतरे में थे।
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