युवा कवि। विभिन्न पत्र–पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।
रसोई घर में स्त्री
सुबह उठकर आदमी गए टहलने
बच्चे गए मैदान में
लेकिन एक स्त्री गई रसोई घर में
दोपहर में
आदमी आया दफ्तर से भोजन करने
भोजन किया और चला गया
बच्चे स्कूल से आए और सो गए
लेकिन एक स्त्री
बथुआ तोड़ती हुई मिली
रसोई घर में
शाम हुई तो आदमी अपने दफ्तर से निकल
चाय के साथ सिगरेट सुलगाता हुआ मिला
बच्चे अपने दोस्तों के साथ
खेल के मैदान में मिले
लेकिन एक स्त्री
बहुत सारे काम निपटाने के बाद भी
रसोई घर में मिली
रात हुई
दफ्तर से आदमी थका हारा आया
और लेट गया बिस्तर पर
बच्चे खेलकर आए और आराम करने लगे
लेकिन एक स्त्री
खाना परोसती, साफ़ सफ़ाई
बर्तन धोती हुई मिली
उसी रसोई घर में।
ग्राम – पटखौली, पोस्ट – बभनौली पांडेय, जिला- देवरिया, थाना- लार (उत्तर प्रदेश) मो.9044698206
कविता का मर्म पाठक तक ब-आसानी पहुँचता है. साफ़-सुथरा, सहज कहन.