एक शिक्षिका की अपने संस्थान में काफी सख्त छवि थी। कुछ ऐसा ही प्रचार था। एक दिन कुछ विद्यार्थियों को उस तक कुछ कागजात पहुंचाने के लिए कहा गया।  9 से 14 वर्ष तक के विद्यार्थी थे। सभी ने मना कर दिया। किसी ने एक बहाना बनाया तो किसी ने दूसरा। शिक्षिका पुस्तकालय में थी।

अंत में उनमें सबसे छोटी बच्ची ने हामी भरी। वह कागजात देकर दस मिनट बाद ही लौट आई। वह बहुत खुश थी। एक शिक्षिका ने उसकी खुशी का कारण पूछा। उसने तत्काल अपने दोनों हाथ आगे कर दिए। यह क्या? उसके दोनों हाथों में चॉकलेट थी। स्टाफ रूम में बैठे सभी लोग चौंक गए।

-किसने दी?

-मैम ने और किसने!

पास से गुजरते बुजुर्ग चपरासी ने टिप्पणी की- कठोर नारियल के भीतर मीठा पानी होता है!

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