सामाजिक कार्यों से जुड़ी वरिष्ठ कवयित्री। एक कविता संग्रह ‘हिमालय की कंदराओं में’ प्रकाशित।
स्वयं में लौटती स्त्रियां
जब देख लेंगी
खुली आंखों से तुम्हारा नग्न सत्य
तुम्हारी कविताओं से हमेशा के लिए
विदा हो जाएंगी स्त्रियां
शब्दों में स्त्रियां कोरी कल्पनाएं हैं
जिन्हें तुम गढ़ते हो
लेकिन सत्य का वरण कर चुकी स्त्रियों का
साक्षात्कार होते ही
काल्पनिक स्त्रियां कर लेंगी जौहर
सोचो
कितना भयावह होगा वह दृश्य
कल्पनाओं का अकाल
स्त्रीविहीन कविताएं
और
कविताओं से निकल कर
स्वयं में लौटती स्त्रियां!
संपर्क : साई निलयम, प्लॉट 52, शक्ति भवन रोड रामपुर, नेशनल कॉलोनी, जबलपुर-482008 मध्य प्रदेश मो.7000053236
बहुत गज्ञरी कविता
स्त्री का वास्तविक वर्णन।