मैं बन्द करती हूँ अपनी आँखें और मृत हो जाता है यह संसार
मैं उठाती हूँ अपनी पलकें और सब लौट जाता है फिर एक बार
(सोचती हूँ, तुम्हें गढ़ा हैं मैंने अपने जेहन में)
तारे होते हैं नृत्यरत आसमानी और लाल
और अनियंत्रित अन्धकार लेकर आता है रफ़्तार
मैं बन्द करती हूँ अपनी आँखें और मृत हो जाता है यह संसार
देखा है यह स्वप्न कि सम्मोहित कर मुझे तुमने लिटाया है सेज पर
और गीतों से कर मंत्रमुग्ध, चूमा है बेसुध
(सोचती हूँ, तुम्हें गढ़ा हैं मैंने अपने जेहन में)
आसमां से ईश्वर होता है निरस्त, बुझ जाती है आग नर्क की
फरिश्ते और शैतान, मिट जाता है सबका आकार
मैं बन्द करती हूँ अपनी आँखें और मृत हो जाता है यह संसार
सोचती थी लौटोगे तुम कभी, जैसा कह कर गए थे
लेकिन बढ़ती उम्र के साथ भूलती हूँ तुम्हारा नाम
(सोचती हूँ, तुम्हें गढ़ा हैं मैंने अपने जेहन में)
इससे तो बेहतर था कि मैं चुनती पपीहे का प्यार
जब आता बसन्त तो वह मुझे फिर से लेता पुकार
मैं बन्द करती हूँ अपनी आँखें और मृत हो जाता है यह संसार
( सोचती हूँ, तुम्हें गढ़ा हैं मैंने अपने जेहन में )
कवि : सिल्विया प्लाथ
अनुवाद : रश्मि भारद्वाज
कविता पाठ : संध्या नवोदिता
ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु
दृश्य संयोजन-सम्पादन : उपमा ऋचा
प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता
यह प्रस्तुति तो बहुत सुंदर है। भारतीय भाषा परिषद को सलाम।
हालांकि कविता के हिंदी अनुवाद के असहमत हूं। Mad Girl’s Love Song मेरी पसंदीदा कविताओं में से है। Thunderbird का अनुवाद पपीहा कर दिया गया है। हालांकि थंडरबर्ड का हिंदी अनुवाद संभव न भी हो तो उसे वैसे ही छोड़ दिया जाना चाहिए था। क्योंकि मूल कविता की अगली पंक्ति जो कि प्रेम के आवेग को चित्रित करने के प्रयोग की गई है, वह अनुवाद में वसंत की सौम्यता में बदल दी गई है।
कविता का रिफ्रेन—I think I made you up in my mind का अनुवाद यह है:
सोचती हूं, तुम्हें गढ़ा है मैंने अपने जेहन में
made you up से जिस ‘छद्म’ को लेखिका दर्शाने की कोशिश कर रही है, क्या वह अनुवाद उसका अर्थ बिल्कुल उल्टा नहीं हो गया?