युवा गजलकार। प्रकाशित पुस्तकें :‘क्या तुम्हें याद कुछ नहीं आता’ (गजल संग्रह), ‘परफ्यूम’ (नज्म संग्रह)।

ग़ज़ल

जब भी यादों का उभरता है क़मर शाम के बाद
दिल में उठते हैं उदासी के भंवर शाम के बाद

कौन चेहरे से हटाता है मुखौटे दिन में
सामने आते हैं पोशीदा हुनर शाम के बाद

दोस्तों को भी नहीं याद हमारी गलियां
और अब हम भी नहीं जाते उधर शाम के बाद

खींच ले जाती है क़दमों को कोई मजबूरी
कौन करता है ख़ुशी से यूं सफ़र शाम के बाद

हैं ये फुट-पाथ के बिस्तर ही मुक़द्दर कुछ के
सब नहीं लौट के जा पाते हैं घर शाम के बाद।

संपर्क :द्वारा-मुमताज हसन खान, गांव- महानंदपुर, पोस्ट- गंधरपुर, तहसील- पुवायां, जिला-शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश-242401/ मो.7668666278