कविता पाठ : संध्या नवोदिता
ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु
दृश्य संयोजन-सम्पादन : उपमा ऋचा
प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता
कविता पाठ : संध्या नवोदिता
ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतु
दृश्य संयोजन-सम्पादन : उपमा ऋचा
प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता
दर्द में भीगी हुई आवाज़ जैसे जलियांवाला की पीड़ा को एकदम से उठा कर हमारे हृदय में उतार देती है I सुभद्रा ने जिस जिस दर्द को महसूस कर कविता रची होगी उसे ज्यों का त्यों पाठक/श्रोता तक पहुंचाती है आपकी आवाज़ I