महिला रोग चिकित्सक, वरिष्ठ आचार्य

लैंग्स्टन ह्यूज़
 (1902- 1967) अमरीकी कवि, सामाजिक कार्यकर्ता, उपन्यासकार और नाटककार।
जाज़ कविता के प्रारंभकर्ताओं में से एक।

स्वप्नों को कसके पकड़े रखो
क्योंकि यदि स्वप्न मरे तो
जीवन एक कटे परवाली चिरैया है
जो उड़ नहीं सकती
स्वप्नों को पकड़े रखो
क्योंकि जब
स्वप्न चले जाते हैं
जीवन एक बंजर
खलिहान होता है
बर्फ से जमा हुआ।

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